Carry Minati’s Success Story and His Biography

Carry Minati की सफलता की कहानी और उनकी बायोग्राफी (Carry Minati’s Success Story and His Biography 2024)

Carry Minati’s Success Story and His Biography

इंडिया के मोस्ट पॉपुलर रोस्टर और कॉमेडियन कैरी मिनाटी उर्फ अजय नागर आज यूट्यूब की दुनिया के सबसे पॉपुलर सितारे है। कैरी के यूट्यूब पर 2 चैनल है। जिनका नाम कैरी मिनाटी और कैरी इज़ लाइव है। यूट्यूब चैनल कैरी मिनाटी पर रोस्ट और कॉमेडी वीडियो अपलोड करते है। दूसरे चैनल कैरी इज़ लाइव पर गेमिंग की लाइव स्ट्रीमिंग करते है। कैरी एक बेहतरीन रोस्टर के साथ साथ गेमर, रैपर और टिकटोकर्स भी हैं।

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कैरी मिनाती बायोग्राफी हिंदी में (Carry Minati Biography In Hindi)

कैरी मिनाती का जन्म 12 जून सन 1999 मे फरीदाबाद हरियाणा में हुआ था। परिवार में उनके मम्मी पापा के अलावा एक भाई भी है जिनका नाम यश है। यश नागर म्यूजिक प्रोडक्शन और गिटार बजाने का काम करते है। कैरी  ने अपनी पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल से की। लेकिन इनका मन पढ़ाई में नही लगता था।

कैरी मिनाती की सबसे खास बात यह है। की कैरी मिनाती ने महज 10 साल की छोटी उम्र में ही यूट्यूब पे वीडियो डालना करना शुरू कर दिया था। वो बचपन से ही यूट्यूब पर वीडियो बनाना चाहते थे और लोगो की नज़र में आना यानी लोकप्रिय होना चाहते थे। छोटी सी उम्र में इन्होने फ़ुटबॉल से सम्बंधित वीडियो अपने चैनल पर डाला था।

कैरी मिनाती की सबसे बड़ी समस्या थी कि उसके वीडियो पर 400 से ज्यादा व्यू नहीं आते थे। जिसके कारण वह उदास हो गए। मसला ये था कि उनकी वीडियो से सम्बंधित बहुत लोग वीडियोस बनाते थे। अजय नागर बहुत छोटी उम्र का था। इसलिए उनके पास ज्ञान भी नहीं था। इन सब के बीच वह वीडियो बनाने में रूके नहीं क्योंकि उनकी इसमें रूचि थी। जैसे जैसे कैरी मिनाती उर्फ अजय नागर बड़े होते गए उनका यूट्यूब एक पैशन बन गया। और आज वह इसमें इतने सफल हो गए हैं। कि उन्हें बताने की जरूरत नहीं है।

15 साल की कच्ची उम्र में कुछ अलग करने के लिए यूट्यूब पर एक नया चैनल लत लग A1 नाम से चैनल बनाया और गेमिंग वीडियो अपलोड करनी शुरू की। वह थोड़ी बहुत बॉलीवुड फिल्मों की डबिंग भी करके अपने चैनल पर डालते थे। लेकिन उस समय भारत में गेमिंग का इतना ट्रेंड नहीं था।

असली नाम अजय नागर (Ajey Nagar)
उपनाम/ निकनेमकैरी मिनाती (Carry Minati)
पेशा और पहचान यूट्यूबर,रोस्टर, कॉमेडियन गेमर, रैपर
जन्मतिथि/बर्थडे 12 जून 1999
उम्र 23 वर्ष (2023 के अनुसार)
जन्म स्थल फरीदाबाद, हरियाणा, भारत
स्कूल का नाम दिल्ली पब्लिक स्कूल, फरीदाबाद, हरियाणा
योग्यता क्वालिफिकेशन, इंटरमीडिएट ((स्कूल ड्रॉपआउट)
कॉलेज का नाम जानकारी नहीं है
राशि चिन्ह जैमिनी
नागरिकताभारतीय
पहली यूट्यूब वीडियो कॉल आफ ड्यूटी घोस्ट्स
धर्म हिंदू
जाति गुज्जर
शौक वीडियो गेम खेलना और रोस्ट करना
टैटू बाएं हाथ के कलाई पर

फेमस होने के लिए अजय नागर कुछ भी करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने BB ki Vines का एक रोस्ट वीडियो बनाकर अपने चैनल पर डाल दिया। BB ki वाइंस भारत का एक प्रसिद्ध चैनल होने के कारण देखते ही देखते उनकी वीडियो पर 1 लाख से ज्यादा व्यू आ गए और वो वीडियो वायरल हो गया। इस मौके पर भुनाते हुए उन्होंने एक महीने पर लगातार वीडियो अपलोड किया। जो उसी महीने में वायरल हो गई और वीडियो वायरल होने पर अजय नागर ने अपने यूट्यूब चैनल का नाम कैरी देओल से बदलकर कैरी मिनाती कर दिया।

कैरी मिनाती के नाम का मतलब (Carrie Minati name meaning)

बहुत से लोग कैरी मिनाती के नाम का मतलबजानना चाहते हैं। बता दें 2015 में उन्होंने कैरी देवल नाम का चैनल खोला था। जिसमें वह सनी देवल की आवाज में गेम प्ले करते थे। और रोस्ट भी करते थे। काउंटर स्ट्राइक खेलते वक्त कैरी वर्ड का ज्यादा यूज करते देखा गया। जिसका मतलब वह अपने आपको अपने गेम मेट से सुपीरियर समझते थे। और मीनाटी उन्होंने रेंडम वर्ड रखा है।

अपने यूनिक कंटेंट, गेम प्ले के साथ रोस्टिंग आवाज, डार्क कॉमेडी और कठिन संघर्ष की वजह से मशहूर है।

कैरी मिनाती की गर्लफ्रेंड (Carrie Minati’s girlfriend)

कैरी मिनाती की गर्लफ्रेंड के तौर पर परदेसी गर्ल को जाना जाता है। दरअसल परदेसी गर्ल एक रिएक्शन चैनल चलाती है। जिसमें बीवी के वाइंस के वीडियो पर रिएक्शन दिए थे और उसी वीडियो पर कैरी ने रोस्ट किया था, जो एक समय खूब वायरल हुई थी। हालांकि उनके बीच की रिलेशनशिप एक अफवाह भी हो सकती है।

घर का पता गाजियाबाद हरियाणा है। वैसे वह फैंस से मिलने से हिचकते हैं, हालांकि पब्लिक में वह आपसे जरूर मिलेंगे और अच्छा बर्ताव भी करेंगे।

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कैरी मिनाती नेट वर्थ आय (Carry Minati net worth Income )

कैरी मिनाती की आय यूट्यूब चैनल के रियल टाइम – 1,050,000 हैं। – 122,556,110 – 121 अपलोड मासिक आय का अनुमान – 225,000 से 3,500,000 भारतीय रुपए मे

कुल संपत्ति3 करोड़ रुपए के आसपास
मासिक आय10 लाख रुपए तकरीबन
आय का स्रोतगेमिंग चैनल और यूट्यूब रोस्ट
कारजानकारी नहीं है
घरजानकारी नहीं है
कैरी मिनाती बॉडी मेजरमेंट (Carry Minati Body Measurement)
लम्बाई (लगभग)सेंटीमीटर में – 165 cm
मीटर में – 1.65
इंच में – 5′ 5″
वजन (लगभग)किलोग्राम में – 60 किग्रा लगभग
पाउंड में – 132 lbs
शारीरिक माप (लगभग)ज्ञात नहीं है
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला

कैरी मिनाटी का करियर (Carry Minati’s career)

कैरी मिनाती एक भारतीय यूट्यूबर हैं। कैरी शुरू से ही ये कुछ अलग करने की सोचते रहे इसी कारण इन्होंने 2016 में पढ़ाई छोड़ दी और फिर यही से इनके यूट्यूब करियर की शुरूआत हुई। 10 साल छोटी उम्र से ही गेमिंग का शौक रखते थे और वो हमेशा यूट्यूब पर ही उलझे रहते थे।

कैरी ने भी यूट्यूब पर अपना करियर बनाने की सोची और फिर इन्होंने अपना सबसे पहला यूट्यूब चैनल Stealthfearzz बनाया। कैरी इस चैनल पर फुटबॉल खेल से सम्बंधित ट्रिक्स और टुटोरिअल की वीडियो अपलोड करते थे। लेकिन उसका ये चैनल ज़्यादा पॉपुलर नहीं हो पाया।

अपने गेमिंग स्किल को लोगों के सामने लाने के लिए एक गेमिंग चैनल स्टार्ट कर दिया और उसका नाम रखा Addicted. इस चैनल पर वे अपने गेमप्ले की वीडियो डालते थे लेकिन लोग इनके गेमप्ले से ज़्यादा इनकी मज़ेदार मिमिक्री को एन्जॉय करते थे। सनी देओल और रितिक रोशन की मिमिक्री करने के साथ-साथ गेम भी खेलते थे। लेकिन उनका ये चैनल भी कुछ खास पहचान नहीं बना पाया।

इसके बाद कैरी ने अपने इस चैनल का नाम बदल कर carry deol रख लिया फिर इन्होंने अपनी मिमिक्री जारी रखते हुए रोस्टर भी करना शुरू कर दिया। कैरी का ये यूट्यूब चैनल ठीक ठाक चल रहा था लेकिन उनकी एक वीडियो ने कैरी की पॉपुलैरिटी को अचानक से बढ़ा दिया, उसका कारण था उनके द्वारा कि गई यूट्यूब चैनल BB ki लताओं पर की गई रोस्टिंग। BB ki लताओं यानी कि आज के जाने माने यूट्यूबर भुवन बम उस समय भी काफी पॉपुलर थे। कैरी की ये रोस्ट वीडियो रातों रात वायरल हो गयी।

फिर से इस चैनल का नाम बदल दिया और इस बार नाम रखा कैरी मिनाती आज के समय में कैरी मिनाती इंडिया के सबसे बड़े पॉपुलर रोस्टर है। उनकी पॉपुलरी दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है।

अभी हाल में ही कैरी एक विवाद का हिस्सा भी रहे लेकिन इस विवाद ने भी इनकी पॉपुलैरिटी काफी बढ़ा दी। हुआ दरअसल ऐसा था कि कैरी ने यूट्यूब बनाम टिक टॉक पर एक रोस्टिंग वीडियो अपने यूट्यूब चैनल कैरी मिनाती पर अपलोड की थी। इस वीडियो में उन्होंने टिक टॉक स्टार आमिर सिद्दीकी को रोस्ट किया था। इनकी ये वीडियो इंटरनेट पर आग की तरह फैल गयी और इनके सब्सक्राइब 14.7 मिलियन से बढ़ कर आज 22 मिलियन तक पहुँच गए है।

टिक-टॉक वर्सेस यूट्यूब (Tik Tok vs Youtube)
  • इसी बीच इंडिया का सबसे बड़ा रोस्टर कैरी मिनाटी ने भी अपनी वीडियो अपलोड की थी। जिसमें कैरी मिनाती ने आमिर सिद्दीकी को निशाने पर लेते हुए खूब टांग खींचा, और उनका मजाक बनाया है। वहीं टिक टॉक और यूट्यूब पर गमहागमही का माहौल है तो कुछ टिकटोकर्स मजान की बात कह कर इसे और आगे बढ़ाना चाहते हैं।
  • इस कंट्रोवर्सी को रोकने के लिए मिस्टर फैसु (टिक टॉक स्टार) ने कैरी को फोन किया था, जिसका जिक्र अजय नागर ने अपनी वीडियो में भी किया है।
  • कैरी मिनाटी अपने वीडियो को संपादन करने के लिए एडोब प्रीमियर प्रो नामक वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं।
  • टिक-टॉक वर्सेस यूट्यूब के कंट्रोवर्सी का सबसे बड़ा फायदा कैरी मिनाटी को मिला है। पिछले 3 दिन में उन्हें 4 मिलीयन सब्सक्राइबर्स मिले हैं। वही 2 दिन में सबसे ज्यादा लाइक पाने वाले भारतीय यूट्यूब वीडियो का रिकॉर्ड भी तोड़ डाला।
  • 2020 के अनुसार कैरी मिनाटी उर्फ अजय नागर की कुल संपत्ति 3.8 मिलियन डॉलर है जो भारतीय मुद्रा में तकरीबन 3 करोड़ रुपए होती है।
कैरी मिनाटी के बारे में तथ्य (Facts About Carry Minati)
  • कैरी बचपन से यूट्यूबर बनने का सपना देखते थे, महज 8 साल की उम्र से यानी 2008 से  एक्टिव हो गए थे।
  • 2010 में उन्होंने Stealthfearzz नामक यूट्यूब चैनल से करियर की शुरुआत की, 4 साल की मेहनत के बावजूद कोई फल नहीं मिला और फिर उन्होंने Stealthfearzz का नाम बदलकर Addicted रख लिया था।
  • अब शाहरुख खान और सनी देओल की आवाज में गेम प्ले करने लगे, लेकिन यह भी नहीं चली उसके बाद लिफ्ट इसरे और फिर carry deol जैसे नाम भी रखें और आखिरकार उन्होंने कैरी मिनाटी नाम रख लिया। आज यह यूट्यूब इंडिया का सबसे बड़ा यूट्यूब चैनल है।
  • बता दें कैरी किसी तरह 12th पास एक किए हैं, क्योंकि एग्जाम के 1 दिन पहले उन्हें लगा था कि वह फेल हो जाएंगे, किसी तरह माता-पिता को इसके लिए मनाया और 1 साल बाद डिस्टेंस एजुकेशन से 12वीं पूरी की।
  • बीबी की वाइंस की वीडियो पर परदेसी गर्ल ने रिएक्शन दिया था जिसको कैरी ने रोस्ट किया था। उस वीडियो पर रोस्ट करने की वजह से अटेंशन मिली। और कैरी के सब्सक्राइबर तेजी से बढ़ने लगे थे।
  • कैरी और परदेसी गर्ल के डेट करने की खबरें भी उड़ी थी।
  • वह स्कूल के समय में ओवरवेट से परेशान थे, हालांकि डाइट किया और आज फिट दिखते हैं।
  • कैरी ने 200 वीडियो के आसपास को प्राइवेट कर रखा है, इन्हें 2017 में 10 लाख सब्सक्राइबर के लिए प्ले बटन मिला था, और अब उनके पास डायमंड बटन भी आ गया है।
  • इन्हें तुरंत गुस्सा आ जाता है और सांस लेने में तकलीफ होती है।
  • हर किसी के उभरते करियर में कोई ना कोई मोड़ आता है, ठीक ऐसा ही यूट्यूबर कैरी के साथ हुआ क्योंकि शुरुआत में उन्होंने Movie Talkies को रोस्ट किया जिस पर उनके ऑनर भीम नरूला ने कैरी  के चैनल पर दो स्ट्राइक जड़ दिए थे। हालांकि भीम नरूला ने स्ट्राइक हटाने के बदले पैसे की मांग रखी थी।
  • फिलहाल यूट्यूब वर्सेस टिक टॉक की कॉन्ट्रोवर्सी ट्रेंड पर हैं, क्योंकि Amir Sidduqi द्वारा यूट्यूब कम्युनिटी पर लगाए आरोप का जवाब कैरी मिनाटी ने दिया था।
  • उनकी वीडियो 1 मई 2020 को यूट्यूब पर आई थी कैरी की वीडियो का मानो ट्रेंड चल गया था, क्योंकि लोगों ने वीडियो पर खूब सपोर्ट दिखाए। हालांकि बाद में यह टेक डाउन हो गया। उस वीडियो को 2 दिनों में सबसे ज्यादा लाइक पाने वाले भारतीय यूट्यूब वीडियो का खिताब मिला था। वहीं 3 दिन में कैरी के 4 मिलीयन सब्सक्राइबर्स हो गए थे

https://youtube.com/watch?v=7mFvyrNHZRY%3Fstart%3D47%26feature%3Doembed

अजय नागर की जिंदगी से मेरे हिसाब से सभी को शिक्षा लेनी चाहिए कि मेहनत करते रहना चाहिए। अगर हम मेहनत छोड़ दे तो कुछ नहीं मिलेगा और अगर वहीं मेहनत करते रहे तो एक दिन अपना मुकाम हासिल कर सकते हैं।

तो दोस्तों यह थी Carry Minati की सफलता की कहानी और उनकी बायोग्राफी पूरी जानकारी आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। 

Kalyani Priyadarshan - wiki,biography,net worth, Age, Parents

Sizzling Kalyani Priyadarshan – wiki,biography,net worth, Age, Parents

Kalyani Priyadarshan – wiki,biography,net worth, Age, Parents : An Architech turn Actress Kalyani Priyadarshan is well known Indian Actress from kerela. She has completed her graduation from parsons school of design, New York as an Architechture student.she was born on April 5th 1992 in kancheepuram. Kalyani’s father who is popular indian movie Director, screenwriter and producer Priyandarshan.

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Personal Details

  • Physical Appearance
AttributeMeasurement
Height160 ft / 5’3 ft
Weight52 kg
Eye ColorDark Brown
Hair ColorBlack
Figure Measurement32-26-34 (approx)

https://www.instagram.com/p/C5lOfdhRmkK/?utm_source=ig_web_copy_link&igsh=MzRlODBiNWFlZA==

  • Family Background
Family MemberName
FatherPriyadarshan (Filmmaker , Producer)
MotherLissy Laxmi (Actress)
BrotherShiddharth (Younger)
SisterN/A

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  • Career Highlights
YearFilmsRole
2022HridayamNithya Balagopal
2022Bro DaddyAnna Kurian
2022ThallumaalaFathima Beevi aka “Beepathu”
2021MaanaaduSeetha Lakshmi
2021Marakkar: Lion of the Arabian SeaAisha
2020Varane AvashyamundNikhitha “Nikki”
2020Putham Pudhu KaalaiYoung Lakshmi Krishnan
2019ChitralahariLahari
2019RanarangamGita
2019HeroMeera
2017HelloPriya “Junnu”
  • Education
Education Qualification
Schooling
Lady Andal, Chennai – Kalyani Priyadarshan completed her primary and secondary education at Lady Andal School in Chennai.
Higher Education
Parsons School of Design, New York City – Kalyani graduated with a bachelor’s degree in architectural design from Parsons School of Design.
Theatre Internship
Williamstown Theatre Festival – During her time at Parsons, Kalyani worked as a theatre intern at the Williamstown Theatre Festival.
Acting Class
Adishakti Theatre, Pondicherry – Before returning to India, Kalyani took an acting class at the Adishakti Theatre in Pondicherry.
  • Net Worth
Kalyani Priyadarshan’s Net Worth
Overview
Kalyani Priyadarshan, a prominent actress in the South Indian film industry, has achieved remarkable success throughout her career. Renowned for her captivating performances, she has garnered immense popularity and acclaim among audiences.
Financial Prosperity
Her flourishing career in the film industry has translated into substantial financial prosperity. Kalyani Priyadarshan’s net worth is estimated to be approximately $1 million (7-8 crores INR) annually. This impressive net worth underscores her dedication, perseverance, and versatile acting skills.
Future Outlook
With her continued involvement in films and exploration of new opportunities, Kalyani’s net worth is poised to further increase in the coming years. Her enduring commitment to her craft ensures a promising future in the entertainment industry.

Kalyani Priyadarshan Photos

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किडनी डायलिसिस क्या है in 2024? (Kidney Dialysis in Hindi )

किडनी डायलिसिस क्या है? (Kidney Dialysis in Hindi)

हमारी किडनी रक्त से अतिरिक्त अपशिष्ट पदार्थ व पानी निकालती है। वे ऐसे हॉर्मोन का स्त्राव भी करती हैं जो रक्त चाप को नियंत्रित करते हैं और शरीर में अम्ल व क्षार का संतुलन बनाए रखती है। जब किडनी ठीक तरह से कार्य नहीं करती है तो शरीर में अपशिष्ट पदार्थों का जमाव हो सकता है जो कि हानिकारक है। डायलिसिस एक ट्रीटमेंट की प्रक्रिया है, जिसमें किडनी के सारे कार्य किए जाते हैं जैसे शरीर से अपशिष्ट पदार्थों और अतिरिक्त पानी को निकालना। यह दो तरह से की जाती है – हेमोडायलिसिस (इसे हीमोडायलिसिस के नाम से भी जाना जाता है)

और पेरिटोनियल डायलिसिस। हेमोडायलिसिस में ए-वी फिस्टुला से शरीर के बाहर लगे डायलिसिस मशीन में रक्त दो सुईओं की मदद से निकाला जाता है जिसमें रक्त फ़िल्टर हो कर वापस शरीर में चला जाता है। पेरिटोनियल डायलिसिस में कैथिटर को पेट के अंदर मौजूद पेरिटोनियल स्पेस में डाला जाता है जो कि पेरिटोनियल मेम्ब्रेन से ढका हुआ होता है। इसके बाद डायलिसिस द्रव को ट्यूब के अंदर डाला जाता है, जिसमें निकाले गए रक्त को फ़िल्टर किया जाता है। डायलिसिस के बाद इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप क्या खाते हैं और क्या पीते हैं। एक डायटीशियन द्वारा आपकी डाइट तय की जाएगी। डायलिसिस के बाद कुछ जटिलताएं भी हो सकती हैं जैसे संक्रमण, वजन बढ़ना, सूजन आदि जिनका ध्यान दवाओं या फिर सर्जरी द्वारा रखा जा सकता है।

किडनी मूत्राशय तंत्र के सबसे महत्वपूर्ण भाग है। प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में दो किडनी होती हैं जो कि कमर के विपरीत हिस्सों और छाती के नीचे मौजूद होती है। यूरिनरी सिस्टम में अन्य जरूरी भाग युरेटर होते हैं जो कि संख्या में दो होते हैं और किडनी को यूरिनरी ब्लैडर से जोड़ते हैं जहां शरीर का सारा यूरिन संचित होता है। स्वस्थ किडनी शरीर से सारे अपशिष्ट पदार्थ को फ़िल्टर करती है और अतिरिक्त पानी को निकाल कर यूरिन बनाती है। साथ ही किडनी कुछ जरूरी हार्मोन भी बनाती है जैसे एरीथ्रोपोएटिन, कैल्सिट्रिओल और रेनिन जो कि रक्तचाप, हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम का अवशोषण और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण को नियंत्रित करते हैं।

जब आपकी किडनी कुछ कारणों से ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाती हैं तो इससे शरीर में अपशिष्ट पदार्थ और अत्यधिक पानी जमा हो सकता है। ऐसे मामलों में डायलिसिस किया जाता है जब व्यक्ति के शरीर में अत्यधिक पानी, अपशिष्ट या विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं और उन्हें रक्त से  निकालना पड़ता है।

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डायलिसिस होने से पहले की तैयारी (Preparation before dialysis)

  • हेमोडायलिसिस – इसमें, ऐ-वी फिस्ट्यूला (एक जोड़ जहां धमनी और नस मिलती हैं) सर्जरी के द्वारा बनाया जाता है।
  • पेरिटोनियल डायलिसिस – इसमें पेट के अंगों व पेट की दीवार को ढकने वाली मेम्ब्रेन के बीच में सर्जरी द्वारा एक स्पेस बनाया जाता है और उसमें कैथीटर को लगाया जाता है।
  • सर्जरी से पहले किए जाने वाले टेस्ट – इनमें एक्स रे, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग, कम्पलीट ब्लड काउंट, यूरिन टेस्ट और किडनी से जुड़े अन्य टेस्ट आदि शामिल हैं। एचआईवी टेस्ट, हेपेटाइटिस सी टेस्ट की सलाह भी डॉक्टर द्वारा दी जा सकती है।
  • सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया की जांच – सुन्न करने की दवा का चुनाव सर्जरी के प्रकार पर निर्भर करता है। सुन्न करने की दवा सर्जरी से पहले दी जाती है ताकि मरीज को सर्जरी के दौरान दर्द महसूस न हो। आपको सर्जरी से 6-12 घंटे पहले भूखे रहने को कहा जा सकता है, क्योंकि सर्जरी के दौरान भोजन वापस से भोजन नली में आ सकता है।

डायलिसिस क्यों किया जाता है? (Why dialysis is done)

किडनी यूरिन के रूप में शरीर के अतिरिक्त फ़िल्टर हुए पानी को निकालती है। ये नमक और खनिजों को संतुलित करने में भी मदद करते हैं जैसे कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और पोटेशियम। जब किडनी ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाती हैं, जो कि किडनी फेलियर या किसी अन्य किडनी रोग की स्थिति में हो सकता है तो शरीर में अपशिष्ट पदार्थ व पानी जमा होने लगता है। इस समय पर डायलिसिस की जरूरत पड़ती है, जिसे रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी भी कहा जाता है। रीनल फेलियर के कारण रक्त फ़िल्टर नहीं हो पाता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे एनीमिया, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और खनिज के अवशोषण की प्रक्रिया खराब होने के कारण हड्डियां भी प्रभावित हो सकती हैं।

किडनी रोग भिन्न तरह के हो सकते हैं जैसे एक्यूट (जो तीव्रता से होते हैं) और क्रोनिक (लंबे समय तक रहते हैं) जिनका यदि इलाज नहीं किया जाए तो उनसे किडनी फेलियर भी हो सकता है। डायलिसिस की मदद से किडनी फेल होने से बचाई जा सकती है। एक्यूट किडनी रोगों के ट्रीटमेंट के बाद किडनी वापस सामान्य हो सकती है। एक बार जब यह हो जाता है तो डायलिसिस को बंद किया जा सकता है। हालांकि, अंतिम अवस्था और क्रोनिक किडनी रोगों में व्यक्ति के ठीक होने की संभावना कम होती है और केवल डायलिसिस ही अंतिम उपाय बचता है।

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डायलिसिस कैसे किया जाता है? (How is dialysis done)

हेमोडायलिसिस – यह एक प्रक्रिया है जिसमें रक्त को फ़िल्टर कर के उसमें से अपशिष्ट पदार्थों व अतिरिक्त पानी को निकाल दिया जाता है। यह प्रक्रिया निम्न तरह से की जाती है –

  • इस ट्रीटमेंट में रक्त को शरीर से बाहर एक फ़िल्टर में निकाला जाता है जिसे डायलाइज़र कहा जाता है।
  • ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले नर्स दो सुईओं को आपकी बांह में से ए-वी फिस्ट्यूला में लगाती है यह वह जोड़ होता है, जहां धमनी और नस जुड़ी हुई होती हैं। यह एक सर्जन द्वारा सर्जरी से पहले मरीज के शरीर में बना दिया जाता है।
  • इस भाग को नम्बिंग क्रीम या सुन्न करने वाले स्प्रे से सुन्न कर दिया जाता है।
  • एक सुई धमनी में लगाई जाती है जहां से धमनी का रक्त बाहर निकलता है और दूसरी सुई एक नस में लगाई जाती है जहां से फ़िल्टर हुआ रक्त शरीर में जाता है।
  • दोनों ही नसें एक ट्यूब से जुड़ी होती हैं जो कि लंबी व पतली होती है। यह रक्त को शरीर के बाहर लगी हुई डायलिसिस मशीन तक ले जाती हैं।
  • यह डायलिसिस की मशीन इसके बाद रक्त को फ़िल्टर में भेजकर इसे साफ करती है। डायलिसिस की मशीन में पतले फाइबर लगे होते हैं, जो रक्त से अतिरिक्त पानी और अपशिष्ट पदार्थ निकाल देते हैं।
  • फ़िल्टर में डायलाइजिंग सोल्यूशन भी होता है। अपशिष्ट पदार्थ डायलाइजिंग सोल्यूशन में जाते हैं और जिस धारा से रक्त ट्यूब में आ रहा होता है उसकी विपरीत धारा में रक्त को भेजता है।
  • डायलिसिस मशीन में ब्लड प्रेशर को मापने के लिए मॉनिटर भी होते हैं। ये मॉनिटर ट्यूब में आ रहे रक्त के प्रवाह के दबाव की जांच करते हैं।
  • यह प्रक्रिया पूरी तरह दर्दरहित है, लेकिन इस दौरान आपको बीमार महसूस हो सकता है या फिर आपको मतली हो सकती है।
  • रक्त के घटकों में बार-बार बदलाव होने के कारण आपको मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। जब डॉक्टर या नर्सों की मदद से आप एवी फिस्ट्यूला में सुई लगाना सीख जाते हैं तो यह प्रक्रिया घर पर भी की जा सकती है।
  • कुछ डायलिसिस की मशीनें घर पर प्रयोग के लिए भी बाजार में मौजूद हैं। इससे आपको घर पर आसानी से डायलिसिस करने में मदद मिलती है। ज्यादातर जिन लोगों को हफ्ते में तीन बार तक डायलिसिस करना पड़ता है, उनके लिए यह काफी फायदेमंद हो सकती है।

पेरिटोनियल डायलिसिस से पहले की तैयारी

पेरिटोनियल परत द्वारा ढके हुए भाग में 0.5 सेमी लंबी एक पतली व चौड़ी ट्यूब (जिसे कैथीटर कहा जाता है) डाली जाएगी। इस पतली ट्यूब का एक भाग शरीर के बाहर ही रखा जाता है, जिसे दो अलग बैग से जोड़ा जाता है। एक बैग में वह विशेष द्रव होता है जिसे ट्यूब में पुश कर के डाला जाता है और रक्त में मौजूद अपशिष्ट पदार्थ इससे निकल कर विशेष द्रव में आ जाते हैं। द्रव को अंदर डालने व वापस लेने की इस प्रक्रिया को एक्सचेंज कहा जाता है। हर बार प्रक्रिया के बाद नए बैग की जरूरत होती है।

कन्टीन्यूअस एम्ब्यूलेटरी पेरिटोनियल डायलिसिस

इस पेरिटोनियल डायलिसिस में रक्त को दिन में कम से कम चार बार फ़िल्टर किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में 30 मिनट का समय लगता है और एक बार ट्रेनिंग मिलने के बाद आप यह खुद भी कर सकते हैं। हर एक्सचेंज प्रक्रिया के बाद आप रोजाना की प्रक्रिया पर लौट सकते हैं और अपनी सामान्य गतिविधियां कर सकते हैं। दिन में भिन्न समय में आप चार बार यह प्रक्रिया दोहरा सकते हैं जैसे एक सुबह, दोपहर में, शाम को और आखिरी रात में। प्रत्येक एक्सचेंज के बाद बैग को हटाना होगा और ट्यूब को ठीक तरह से सील करना होगा।

ऑटोमेटेड पेरिटोनियल डायलिसिस

इस पेरिटोनियल डायलिसिस में रक्त को तब फ़िल्टर किया जाता है, जब आप सो रहे होते हैं इसमें लगभग 8 से 10 घंटे का समय लगता है। पेरिटोनियल स्पेस में लगाई गई पतली ट्यूब को एक मशीन से जोड़ा जाता है। जब आप सो रहे होते हों तो कई सारे एक्सचेंज रात में होते हैं, आमतौर पर तीन से पांच। डायलेट के रूप में जाना जाने वाला एक द्रव अंदर रखा जाता है, जहां अपशिष्ट पदार्थ निकलते जाते हैं। इसके बाद यह द्रव शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।

अस्पताल के ऊपर निर्भर करते हुए डायलिसिस की फीस 30,000 रुपये तक हो सकती है। कुछ अस्पताल यह घर पर भी कर देते हैं, जिसका खर्चा कम आता है जो 20,000 प्रति माह तक हो सकता है।

डायलिसिस के बाद देखभाल कैसे करे।(How to take care after dialysis)

  • डायलिसिस के बाद सबसे अहम है, अपनी डाइट का ध्यान रखना। यह बेहद जरूरी है कि आपको पता हो आपको क्या और कितनी मात्रा में खाना-पीना है।
  • डाइट इस बात पर निर्भर करती है कि आपको किस तरह का ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। आपके डायटीशियन बताएंगे कि आपको किस मात्रा में कौन से प्रकार के पोषक तत्व कब लेने हैं।
  • एक अच्छा व संतुलित आहार उन सभी पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकता है, जो ट्रीटमेंट के दौरान शरीर से निकल गए हैं। हालांकि, आपको बहुत सारे पोषक तत्व भी नहीं लेने हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत सारे पोषक तत्व शरीर में इकट्ठे हो जाएंगे क्योंकि, किडनी ठीक तरह से कार्य नहीं कर रही है।
  • पानी की मात्रा का भी ध्यान रखना होगा। शरीर में अतिरिक्त पानी का जमाव हो सकता है, जिसके कारण आपको उच्च रक्तचाप, सूजन आदि समस्याएं हो सकती हैं।
  • आहार में नमक की मात्रा पर भी नियंत्रण रखा जाना चाहिए।
  • ऐसे भोज्य पदार्थ जिनमें खनिज, पोटेशियम, फास्फोरस ज्यादा है जैसे मछली, फली, मांस और डेरी पदार्थ जैसे दूध और दही को आहार में शामिल नहीं करना है।
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ई बुक (E-book) से पैसे कमाने के आसान तरीक़े क्या है। (What Are The Easy Ways To Earn Money From Ebook.)

जैसा कि आपको पता होगा इंटरनेट का समय आ गया है, लोग हर चीज इंटरनेट के माध्यम से देखना और पढ़ना चाहते  हैं। आज के डिजिटल जमाने में इंटरनेट का उपयोग हर कोई व्यक्ति कर रहा है, ऐमेज़ॉन ने वी अपनी एक कंपनी लॉन्च कर दी जोकि की ई  बुक सेल करने में लोगों की मदद करती है जिसका नाम किंडल रख दिया है।

हालांकि ई बुक से बिजनेस करना आसान नहीं है, इसके लिए आपको अच्छी खासी जानकारी होनी चाहिए, फिलहाल इस पर कंपटीशन काफी कम है इसीलिए आपको सफलता भी मिलने के चांसेस हैं। आपकी इंकम पूरी तरह से आपकी जानकारी पर निर्भर करता है। यानि आप अपने अनुभव एवं नॉलेज को किस तरह से यूज करते हैं।

ई बुक क्या है? (What Is An E-book)

जैसा कि आपको पता होगा यह दो अलग-अलग शब्द हैं, पहला शब्द है ई और दूसरा शब्द  है बुक  यहां पर ई  का मतलब है इलेक्ट्रॉनिक या हम इसे इंटरनेट भी बोल सकते हैं। और बुक का मतलब है, किताब अर्थात एक ऐसी किताब जोकि इलेक्ट्रिकल डिवाइस  द्वारा बनाई जाए और जिसको हम इलेक्ट्रॉनिकल डिवाइस के माध्यम से पढ़ सकें।

उदाहरण के लिए मैं आपको समझाना चाहूंगा की जैसे आप कोई बुक लिखते हो। और उसको लिखने के बाद आप उसे टाइप करके एक फाइल बना देते हो और उस फाइल को पीडीएफ (PDF) फाइल में कन्वर्ट कर देते हो। तो यह आपकी एक ई  बुक बन जाती है। जिसको कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल फोन में या अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करके पड़ सकता है। तो आजकल बहुत सारे लोग ई बुक लिख  कर अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं। यहां पर अगर आप एक बार ई  बुक लिखते हो  और उस ई  बुक को ऑनलाइन सेल के लिए लगाते हो तो उस बुक को जो आपने पीडीएफ में कन्वर्ट करके सेल के लिए लगाई है। उसको जब तक लोग खरीदेंगे जब तक आपके पास पैसा आता रहेगा। ई बुक क्या है?

ई बुक बिक्री के लिए क्या चाहिए। (What Do Ebooks Need For Sale)

जब आपने अगर प्लान बना लिया हैं। कि ईबुक्स सेल करके पैसा कमाना हैं, तो उसके लिए आपको कुछ चीजों की जरूरत होगी। इसके लिए आपको अपने नॉलेज को भी समझना होगा। हमारे हिसाब से आप के पास क्या क्या होना चाहिए।

  • एक मोबाइल या कंप्यूटर होना चाहिए।
  • किसी भी चीज या वस्तुओं के बारे में जानकारी।
  • ई बुक लिखने के लिए ऐप्प या सॉफ्टवेयर।
  • डिजाइनिंग के लिए ज्ञान।
  • प्रकाशन के लिए मंच।
  • फ़ास्ट सेलिंग के लिए डिजिटल मार्केटिंग
  • राजस्व संग्रह करने के लिए बैंक एकाउंट या पर्याप्त साधन
  • पैन कार्ड (वैकल्पिक)

ई बुक कैसे लिखें? (How To Write E Book)

ई बुक लिखने के लिए आपको ठीक उसी तरह से लिखना होगा। जैसे आप अपने कॉपी में लिखते हैं। फर्क बस इतना है कि आपको यहां पर कंप्यूटर में माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में लिखना होगा। जब आप उसमें किसी भी टॉपिक पर लिखते हैं। जैसे आप कोई कहानी लिखते हैं, और वह कहानी को आप जब सेव करके अपने फोल्डर में रख लेते हैं। तो यह आपका बुक बन जाता है। ई बुक लिखने के लिए आपको कुछ बातें हमेशा ध्यान में रखनी होंगी।

आप अपनी एक बुक में यूनिक कंटेंट लिकने कि कोसिस करे। वह खुद से लिखे ना कि कहीं से कॉपी करके। ई बुक में हमेशा सही ही लिखे कुछ भी गलत या उल्टा सीधा ना लिखें। कोशिश करें कि जब भी आप किसी टॉपिक पर लिखते है, तो वह टॉपिक क्लीयर हो जाए।

जब भी आप बुक में कुछ लिखते हैं, तो उसकी भाषा सरल होनी चाहिए ताकि जो भी उसे पड़े उसे समझ में अच्छे से आ जाए। अगर आप ऊपर बताए गए सभी नियमों का पालन करते हैं, तो आप अपना एक ई बुक लिख सकते हैं, और जब आप एक अच्छा लेखक हैं। तो आप एक अच्छा ही बुक भी जरूर लिख सकते हैं।

Book और E-Book में क्या अंतर है?

बूक और ईबूक देखा जाये तो एक जैसा है। मगर इन दोनों को अलग करता है वह है, बूक एक भौतिक यानि Hard Copy होते है, जिसे हम सब स्पर्श और महसूस कर सकते है। वही ईबूक भौतिक यानि Hard copy नहीं होते यह Soft copy होते जिसे हम सिर्फ देख सकते है।

1. Book – Hard Copy 

2. eBook  Soft copy

जितने Soft copy होते है, उन सभी को एक स्पेशल सॉफ्टवेर की मद्दत से अपने मोबाइल और कंप्यूटर में ओपन करते है।

अपनी ईबुक की मार्केटिंग कैसे करे।

जब लोग शुरुआत में बुक लिखते हैं। तो उनका कंटेंट अच्छा नही होता है। तो उनकी बुक ज्यादा नहीं सेल होती तो वह परेशान होने लगते हैं। वह सोचते हैं कि हमने 1 महीने मेहनत करके यह ई  बुक लिखी लेकिन हमने इससे कुछ नहीं कमा पाए। तो दोस्तों जब आप अपनी बुक लिख दो और सेलिंग के लिए लिस्ट कर दो तो आपको अपनी बुक की मार्केटिंग करनी है।  मार्केटिंग आप फेसबुक इंस्टाग्राम व्हाट्सएप हाइक टिक टॉक यूट्यूब की सहायता से कर सकते  हैं। जितनी अच्छी आप मार्केटिंग करोगे उतना ज्यादा लोगों को आपकी ई  बुक के बारे में पता चलेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग आपके ई बुक को खरीदेंगे और आप भी ज्यादा से ज्यादा पैसा वहां से कमा लोगे।

तो दोस्तों आपको उस टॉपिक पर अपनी बुक लिखनी है। जिसकी नॉलेज आपको हो आप दूसरों को देखकर अपनी बुक को मत लिखिए। आप उसी टॉपिक पर बुक लिखिए जिसकी नॉलेज आपको अच्छी है। जिस फील्ड  का आपको बहुत अच्छा एक्सपीरियंस है।

आप अपनी बुक में बातों को ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर ना बोलें कम शब्दों में अगर आप पूरी बात लिखेंगे तो लोगों के समय की बचत होगी। और वह लोग कम समय में बहुत ज्यादा सीख जाएंगे इससे आपकी बुक को ज्यादा पसंद करेंगे और आपकी बुक की माउथ पब्लिसिटी करेंगे।

आपको अपनी ई  बुक बहुत ही सिंपल भाषा में लिखनी है। आपको कठिन शब्दों का उपयोग नहीं करना आपको कभी भी ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना जिसकी वजह से जिन्होंने वह ई  बुक खरीदी है।  उनको डिक्शनरी का उपयोग करना पड़े आपके शब्दों को समझने के लिए तो हमेशा बहुत ही साधारण भाषा में अपनी बुक को लिखिए।

आप को अपनी ई बुक का कवर बहुत ही ज्यादा प्रोफेशनल बनाना है। क्योंकि अंग्रेजी में एक कहावत है की फर्स्ट इंप्रेशन इज लास्ट इंप्रेशन क्योंकि आपकी बुक का जो कवर होता है। वही फर्स्ट इंप्रेशन होता है। अगर आपके बुक का कवर खराब हुआ तो फर्स्ट इंप्रेशन ही आपका खराब हो जाएगा। और लोग आपकी बुक को खरीदेंगे नहीं तो आपको कवर बहुत ही अच्छा बनाना है।

इ बुक से पैसे कैसे कमाए? (How To Earn Money From E Book)

इ बुक से पैसे कमाने के लिए आपको एक इ बुक लिखनी पड़ेगी और आपके पास इंटरनेट होना चाहिए। इ बुक उसी विषय पर लिखनी हैं। जिसके बारे में आपको अच्छे से सब पता हो आप किसी भी भाषा में इ बुक लिख सकते हो और ऐसा टोपिक चुने जिसकी ज़रूरत ज़्यादा से ज़्यादा हो, इस से इ बुक ज़्यादा बिकेंगी और आप इ बुक से ज़्यादा पैसे कमा पाओगे। टोपिक की जानकारी आपको अच्छें से हो और उसको अच्छे से लिखें।

1. ब्लॉग/वेबसाइट

ब्लॉगिंग घर से पैसा कमाने का सबसे आसान तरीकों मे से एक है। आप ब्लॉगिंग कभी भी शुरू कर सकते हैं, और ईबुक से पैसे कमाने के लिए सबसे बेस्ट तरीका है। यह थोडा समय लेने वाली प्रक्रिया है और आपको पैसा कमाने में समय लगेगा। ब्लॉग शुरू करने के बाद ट्रैफिक पर फोकस करना होगा, जब ब्लॉग पर ट्रैफिक आने लगे तो ईबुक से पैसे कमा सकते है।

2. अमेज़न प्रज्वलित

अमेज़ॅन किंडल एक विशेष ईबुक पाठक प्लेटफार्म है। इसमें एक विशेष प्रदर्शन है, जो पढ़ने के अनुभव को भौतिक पुस्तक के सबसे करीब लाता है।

यह ईबुक लाइब्रेरी अमेज़ॅन से ई-पुस्तकों (किंडल पुस्तकों) को संग्रहीत करने और उन्हें आपके अवकाश पर पढ़ने में सक्षम बनाता है। इसलिए आपने एक ईबुक बनाई है। तो Amazon Kindle पर रजिस्टर करें और बिक्री करे।

3. सोशल मीडिया

इंस्टाग्राम, ट्विटर, फेसबुक, स्नैपचैट,सभी सोशल मीडिया पर लोग अपना टाइम बिताते है। अगर आप सोशल मीडिया मदत से ईबुक बिक्री करते है। तो लक्षित दर्शक  मिलती है। इसलिए सोशल मीडिया मार्केटिंग के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ईबुक को बढ़ावा देने के माध्यम से सोशल मीडिया पर ऑनलाइन पैसा कमा सकते हैं।

InstaMojo पर ईबुक बिक्री करके पैसे कमाएं?

इंस्टामोजो ईबुक सेलिंग के लिए एक बेहतरीन वेबसाइट है, जहां आप अपने ईबुक upload करके इसे अच्छे दाम में सेल कर सकते हैं, यह भारत के बेस्ट पेमेंट गेटवे में से एक है हालांकि यहां प्रति ट्रांजैक्शन के कुछ चार्जेस लगते हैं।

  • सबसे पहले इंस्टामोजो की वेबसाइट पर जाएं यहां फेसबुक गूगल या फिर ईमेल एड्रेस डालकर साइन अप करें।
  • अकाउंट बन जाने के बाद क्रिएट ऑनलाइन स्टोर पर क्लिक करें और अपने स्टोर का नाम डालें और अन्य डिटेल्स भरें।
  • ईबुक अपलोड करने के लिए Add Product पर क्लिक करें।
  • और यहाँ डिजिटल प्रोडक्ट के ऑप्शन को चुने।
  • यहां अपनी फाइल को अपलोड करें और इसका टाइटल दें इसके बाद अपने बुक का प्राइस एंटर करें।
  • इसके बाद प्रोडक्ट डिस्क्रिप्शन में अपनी ई-पुस्तक के बारे में थोड़ी जानकारी दें और लिस्ट में से बुक की कैटेगरी को सेलेक्ट करें।
  • तस्वीरो में आप अपने ई-पुस्तक के फ्रंटपेज, कंटेंट और एक-दो पेज के प्रीव्यू को जोड़ सकते हैं।
  • इसके बाद SEO और संबंधित कुछ जानकारी भरे और स्टोर में उत्पाद जोड़ें पर क्लिक करके अपने प्रोडक्ट को पब्लिश कर दें।

6 बेस्ट ई-बुक पब्लिश वेबसाइट्स कोन कौनसी है? 

1. Instamojo जिस पर हमने डीटेल मे बताया है।
2. Amazon Kindle
3. Google Play Books
4. Fiverr.com
5. Kobo
6. Payhip

ई बुक लिखने के फायदे क्या है? (Benefits of E-Book Writing)

वर्तमान में लोग किताबों से ज्यादा ईबुक (E-Book) को पसंद करने लगे हैं। और इसके बहुत से फायदे भी हैं। ईबूक फायदे इन हिन्दी।

  1. ईबूक से सबसे पहला फायदा यही हैं, की इसकी डिजिटल पब्लिशिंग के कारण इसमें कागज की जरुरत नहीं होती हैं। इससे पेड़ों की कटाई में कमी आई हैं। क्योकि बूक बनाने के लिए कागज की जरुरत होती हैं। जिसको बनाने के लिए पेड़ो की कटाई की जाती हैं। जिससे पर्यावरण पर काफी गहराअसर पड़ता हैं।
  2. बूक की तरह इन्हे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की जरुरत नहीं होती हैं साथ ही इसके गुम हो जाने का भी कोई डर नहीं रहता हैं।
  3. इसमें आपको ज्यादा खर्चा करने की भी जरुरत नहीं रहती हैं।
  4. अगर आपने एक अच्छी ईबूक बना ली उसके बाद आपकी पैसिव इनकम शुरू हो जाती हैं और जब भी आपकी बुक सेल होती हैं आपको पैसे आते रहते हैं।
  5. लाइब्रेरी जितनीं ईबूक भी आप अपने साथ एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं।

तो दोस्तों यह थी ई बुक के बारे में पूरी जानकारी आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। 

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स्कूल कॉलेज के छात्र पार्ट टाइम ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए। (How To Earn Money Online For School College Students Part Time)

यदि आप कॉलेज स्टूडेंट में पढनें वाले छात्र है और पार्ट टाइम ऑनलाइन पैसे कमाने के लिए कोई तरीका ढूंढ रहे है।  जिससे आप घर बैठकर ऑनलाइन अपनी पढाई के साथ साथ कुछ पैसे बना सको और अपना खर्चा निपटा सको तो आप बिलकुल सही जगह पर है, यहाँ मैं स्टूडेंटके लिए फूल टाइम या पार्ट टाइम काम करके ऑनलाइन पैसे कमाने के कुछ तरीके बता रहा हु जिनसे एक कॉलेज छात्र ऑनलाइन अपनी पढ़ाई के साथ आसानी से पैसे बना सकता है। तो, अगर आप एक स्टूडेंट है। और अपने लिए कोई ऐसा काम तलाश कर रहे है जिससे आप ऑनलाइन पैसे कमा सकते है तो आप इस पोस्ट को पढ़ सकते है।

कॉलेज स्टूडेंट्स इंटरनेट पर ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब से मनी जमा कर सकते है। अगर आप एक छात्र है और अपने खाली समय में पैसे कमाना चाहते है तो आपके लिए बहुत सी ऑनलाइन जॉब्स है।  जिनसे आप अपनी पढाई के साथ इंकम कर सकते है। जिनमे से कुछ के बारे में विद्यार्थीयों के लिए इस post में बता रहा हूँ।

वैसे तो दोस्तों छात्रों के जीवन में अधिकतम ज्यादा ध्यान अपनी पढ़ाई पर ही देती रहती है लेकिन कुछ छात्र ऐसी होती हैं उनके पास पैसा नहीं होता है और वह अपने कॉलेज की पूरी फीस भी नहीं दे पाते हैं और इसी प्रकार के बहुत सारे खर्च होते हैं जिन्हें वह पूरा नहीं कर पाते हैं और वह अपनी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं फिर उन लोगों को अपनी पढ़ाई को छोड़ देना ही पड़ता है और उन्हें कोई काम करने की जरूरत पड़ जाती है।

1. फ्रीलांसिंग (Freelancing)

यदि आपको ऑनलाइन अच्छा काम आता है, तो ऐसे में आप फ्रीलांसिंग करके ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब कर सकते हो। और आपको फ्रीलांसिंग ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब में  पर घंटे के रुपए दिए जाते हैं  इसमें आपको ग्राफिक डिजाइन फोटोग्राफी, कंटेंट राइटिंग, आर्टिकल राइटिंग, और वेब डिजाइनिंग  से संबंधित कार्य करवाए जाते हैं।

यदि आपको इनमें से कुछ भी नहीं आता है। तो आप एक बार यूट्यूब पर या किसी भी प्लेटफार्म से वेब डिजाइनिंग फोटोग्राफी, ऑनलाइन डाटा एंट्री, ग्राफिक डिजाइनिंग, सीख सकते हो इसके लिए यूट्यूब पर बहुत सारा डाटा है।

आप फ्रीलांसर पर उपरोक्त दिए गए कार्य करके दिन के 600 से ₹1000  कमा सकते हो वह भी बिना किसी प्रॉब्लम के पैसा आपके खाते में सीधा ही आ जाता है। क्या आपको पेयपल वैलट में लेना होता है।

  1. Freelancer – Visit website
2. ब्लॉगिंग (Blogging)

किसी भी क्लास के कॉलेज और स्कूल के छात्र बेस्ट पार्ट टाइम जॉब के रूप में ब्लॉगिंग  एक अच्छा विकल्प हो सकता है। क्योंकि इसमें पैसा थोड़ा लेट से आता है। लेकिन बहुत कमा सकते हैं इसमें हमें गूगल के लिए लेख लिखने होते हैं।

यदि आपको लिखने का शौक है, अपनी चीजें लोगों के आगे रखने का शौक है तो या आप को पढ़ाना पसंद है या कुछ सिखाना पसंद है, तो आपके लिए ब्लॉगिंग  बहुत ही अच्छा हो सकता है। क्योंकि इसमें आप फुल टाइम करियर भी बना सकते हो। ब्लॉगिंग करने के लिए आपके पास में दो प्लेटफार्म होते हैं एक वर्डप्रेस जो कि थोड़ा महंगा होता है उसमें कुछ रुपए देने पड़ते हैं और आपको उसके बाद काम करना होता है।

जबकि एक गूगल का ही प्लेटफार्म है blogger.com जो एकदम फ्री है। इसमें आपको किसी प्रकार का कोई रुपया नहीं देना है। और आप इसमें आराम से एक अच्छा खासा है, इनकम  जनरेट कर सकते हो इसमें आपको किसी प्रकार का रुपया नहीं देना पड़ता है  आज भारत में हजारों लोग ब्लॉकिंग करके महीने का 20 से ₹25000 कमा रहे हैं। और यह बेस्ट ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब फॉर स्टूडेंट हो सकता है।

3. इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर (Instagram Influencer)

आज के समय पर इंस्टाग्राम को कौन नहीं जानता है। ज्यादा टाइम सब लोग इस पर इस्पेंड कर रहे है। यह बहुत ही तेजी से बढ़ता हुआ एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म है, यह कुछ फेसबुक से ही प्रेरित सोशल प्लेटफॉर्म है। यह अपने उपभोक्ताओं को पैसा कमाने का भी बहुत अच्छा मौका देता है। आपको यह जानकर बहुत ही हैरानी होगी कि इससे लोग लाखों करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।

आपको इंस्टाग्राम से पैसा कमाने के लिए एक अच्छा सा इंस्टाग्राम पेज बना होगा और उस पर आप रोजाना अच्छा-अच्छा कंटेंट डाल कर  अपने अपने फॉलोअर्स को बढ़ाएंगे और अपनी रीच भी बढ़ाते हैं जिससे आपका कंटेंट बहुत लोगों के पास जाता है। जब आपके पास में लगभग 10 से 20000 फॉलोअर हो जाते हैं।  ऐसे में आप किसी भी कंपनी के प्रोडक्ट का रिव्यू कर सकते हैंम, उसे एफिलिएट कर सकते हो और आप किसी का भी पेड़  प्रमोशन  कर सकते हो इससे आपको एक अच्छी इनकम जनरेट हो जाती है।

आजकल इंस्टाग्राम Reels  का बहुत ही बड़ा प्रचलन चल रहा है। जिसमें आप रोजाना मनोरंजक ज्ञानवर्धक और उत्साहवर्धक वीडियो बनाकर के इंस्टाग्राम पर अपलोड कर सकते हो जिसके द्वारा आपके वीडियो पर आने वाले ग्राहकों  और  फॉलोअर्स बढ़ने पर आप किसी भी कंपनी के साथ में कॉन्ट्रैक्ट कर सकते हो इसके द्वारा आप बहुत ज्यादा रुपए कमा सकते हो।

4. सहबद्ध विपणन (Affiliate marketing)

आज के समय एफिलिएट मार्केटिंग का बिजनेस बहुत ही बड़ा हो चुका है। बहुत सारे लोग इसे बहुत बड़े लेवल पर कर रहे हैं. लोग इससे लाखों करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। आज इसे छोटे से छोटे लेकर बहुत से बड़े से बड़े लोग  कर रहे हैं।

अगर आपको भी एथलीट मार्केटिंग करनी है, तो आपको अमेजॉन या फ्लिपकार्ट के वेबसाइट पर जाकर वहां अपनी आईडी बनाकर एफीलिएशन प्रोग्राम में ज्वाइन होना पड़ेगा अमेजॉन फ्लिपकार्ट ऐप को  एफिलिएट आईडी प्रदान कर देगी।

उसके बाद आपको वहां से किसी भी प्रोडक्ट का एक Affiliate लिंक उठा कर के सोशल मीडिया पर शेयर करना है। चाहे व्हाट्सएप हो चाहे फेसबुक हो चाहे आप कहीं पर भी उसे शेयर कर सकते हो, अपनी वेबसाइट बनाकर के भी वहां पर लगा सकते हो। कोई ना कोई व्यक्ति यदि आप हजार बार शेयर करते हो उनमें से दो व्यक्ति भी  आपके  एफीलिएशन लिंक से सामान खरीदते हैं। तो अमेजॉन और फ्लिपकार्ट वेबसाइट की बिक्री बढ़ती है। और आपको आपका कमीशन जो कि 4 से 5% होता है, वह मिलता है लोग इसे अलग-अलग तरीके से बहुत बड़े लेवल पर कर रहे हैं।

5. यूट्यूब वीडियो बनायें (Make Youtube Video)

क्या आप जानते हो, इस समय यूट्यूब बहुत ही ज्यादा फेमस होता जा रहा है। इस पर कंटेंट देखने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। और इसके उपयोग करता भी बढ़ते ही जा रहे हैं। यदि आपके पास में कोई यूनीक आइडिया कंटेंट, या कुछ ऐसा है। जो आप लोगों को शेयर कर सकते हो। यूट्यूब विडियो बनाए।

दोस्तो ऐसे में आप युटुब चैनल खोल कर उस पर अपना कंटेंट वीडियो के रूप में डाल सकते हो। और लोग आपकी वीडियो को देखते हैं। तथा लाइक और सब्सक्राइब करते हैं। ऐसे में गूगल अपनी  एडवर्टाइज आपके चैनल पर लगा कर के आपको अच्छा खासा इनकम करवाता है। इसके अलावा विभिन्न कंपनियां आपको कांटेक्ट करते हैं। ताकि आप उनका प्रमोशन उस यूट्यूब चैनल पर कर सको यह भी एक बहुत अच्छा माध्यम है। ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब करने का इसे बाद में आप फुल टाइम करियर के रूप में भी कर  सकते हो।

6.  कंटैंट रायटर बने (Content writer)

आज रोजाना लाखों की संख्या में नई नई वेबसाइट बनती है। और वह वेबसाइट के मालिक इतना कंटेंट नहीं  लिख  पाते हैं। इसलिए वह  फ्रीलांसर  या  किसी भी अन्य वेबसाइट से लोगों को कंटेंट राइटिंग के लिए हायर करते हैं। इसके बदले हुए हैं। जिनके 500 से ₹600 दे देते हैं।  यदि आपको भी लिखने का शौक है, या आर्टिकल लिखना या किसी वर्षा कंटेंट लिखना आता है। तो आप भी उन वेबसाइटों के लिए कंटेंट राइटिंग का कार्य कर सकते हो इसके बदले आपको बहुत अच्छा पेमेंट मिल सकता है।

आपके कंटेंट में बहुत ही ज्यादा गुणवत्ता और अद्वितीय था अर्थात यूनिक ता पाई जाती है। तो आपको पर आर्टिकल या एक आर्टिकल का  ₹1000 भी मिल सकता है। यदि आप यूके USA और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वेबसाइट ओं के लिए आप लेख लिखते हो तो आपको पर आर्टिकल का ₹1000 से लेकर ₹5000 तक  मिल सकता है।

7. डाटा एंट्री (Data entry)

आप को डाटा एंट्री वाले काम में आपको बहुत अच्छा पैसा मिल सकता है। इसमें आपकी स्किल और स्पीड दोनों ही मायने रखती है। आप किसी भी फ्रीलांसर वेबसाइट पर जाकर वहां पर डाटा एंट्री वाले काम को सुन सकते हो तो बड़ी-बड़ी कंपनियां जो छोटे-मोटे काम होते हैं। उन्हें करने के लिए आपको हायर करती है।

वह कंपनियां आपके लिए छोटे-मोटे बहुत सारे काम देती है। जिसे आप सावधानीपूर्वक और अच्छी तरह से करते हो तो उनका आपको बहुत अच्छा रुपया मिलता है, इसमें आपकी स्पीड बहुत मायने रखती है। डाटा एंट्री वाले कार्य करने के लिए आपको थोड़ा बहुत कंप्यूटर का नॉलेज होना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि इसमें सारा कार्य लगभग कंप्यूटर पर ही होता है। आपको कंप्यूटर पर ही फाइल बनाकर के कंपनी को सेंड करनी होती है। आपको डाटा एंट्री वाला काम करने के लिए  फ्रीलांसर किसी भी वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना है। और वहां से डाटा एंट्री वाला कार्य  ले लेना  है।

8. ऑनलाइन फोटोग्राफी (Online photography)

यदि आप के पास में एक अच्छा कैमरा है। और या आपके पास में एक अच्छा स्मार्टफोन है। जो कि बहुत अच्छी तस्वीर लेता है, तो आप प्रकृति की यह किसी भी जानवर की यह कैसी भी मनमोहक दृश्य की एक अच्छी सी फोटो खींच सकते हैं। और उन मनमोहक फोटो को कई सारी ऑनलाइन वेबसाइट होती है जहां पर आप उन फोटो को बेच  सकते हो उनके बदले में आपको $10 से लेकर $100 तक मिल सकते हैं।

आपकी तस्वीर की कीमत उस तस्वीर की क्वालिटी गुणवत्ता और उसको देख कर आने वाले  अनुभव के आधार पर तय होती है। आपकी फोटो किस प्रकार की है यह तय करती है।

9. फेसबुक पेज बना के (Facebook page)

यह भी इंस्टाग्राम की तरह ही होता है। आपको एक प्रकार का फेसबुक पेज बनाना है उस पर आपको रोजाना यूनिक यूनिक आपके इंटरेस्ट का कंटेंट डालना है। और लोगों को इकट्ठा करना है अपने फॉलोअर को  बढ़ाना है। दोस्तों जब आपके बहुत सारे  फॉलोवर हो जाते हैं। तब फेसबुक खुद भी आपके पेज पर एडवर्टाइज लगाता है और आपकी इनकम करवाता है। तथा बड़ी-बड़ी कंपनियां आपसे कांटेक्ट करती हैं। और  आप उन कंपनियों का प्रमोशन करते हो तो आपको वह आपके फॉलोअर के इंगेजमेंट के हिसाब से पेमेंट करते हैं, यह बहुत ही ज्यादा होता है इसके अलावा आप फेसबुक पेज से पेड़ प्रमोशन, एफीलिएशन, और इनफ्लुएंसर का भी कार्य कर सकते हो। इसमें बहुत रुपया मिलता है, यह बेस्ट ऑनलाइन जॉब फॉर स्टूडेंट भी हो सकता है।

10. एसईओ परामर्श (SEO consultancy)

आज के समय पर हर कोई व्यक्ति या कंपनी कोई भी छोटे-मोटे उद्योग धंधे वाली लोग अपनी कंपनी की वेबसाइट बनवा लेते हैं। और उन्हें SEO  इतना नहीं आता है। और वह अपनी वेबसाइट को गूगल रैंक नहीं करवा पाते हैं। इसलिए वह ऐसी हो एजेंसियों के पास जाते हैं, और मोटी रकम देते हैं। आप एसडीओ का काम जानते हो सुहाग इन वेबसाइटों के लिए सीओ मैनेजर का कार्य कर सकते हो इसमें आप उनकी वेबसाइट कार्य करके दोगे लिंक बिल्डिंग का कार्य करोगे और, उस वेबसाइट को गूगल सर्च इंजन के हिसाब से ऑप्टिमाइज करोगे। जिससे कि उसकी वेबसाइट गूगल में अच्छी रैंक कर पाए और उसके बिजनेस की वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा लोग विजिट कर सकें और उसका फायदा हो ऐसे में वह आपको एक अच्छी रकम दे सकता है।

यदि आपको SEO नहीं आता है। तो आप उसे कहीं से भी सीख सकते हो यूट्यूब पर बहुत सारे ऐसे गाइड होते हैं। जो कि आपको SEO  सिखा सकते हैं।

11. सोशल मीडिया मार्केटिंग (Social media marketing)

दोस्तों बड़ी-बड़ी कंपनियां सोशल मीडिया मार्केटिंग करने के लिए कई सारे रिक्रूटमेंट्स हायर करती हैऔर अपने बिजनेस को बहुत आगे तक ले कर जाती है और अपने बिजनेस की रीच बहुत लोगों तक पहुंचाती है लेकिन

छोटे-छोटे बिजनेसमैन अपने सोशल मीडिया मार्केटिंग  नहीं कर पाते हैं क्योंकि उनके पास में उसके लिए  इतने काबिल व्यक्ति नहीं होते हैं और वह बड़े-बड़े सोशल मीडिया मार्केटिंग को पैसा नहीं दे पाते हैं यदि आपको थोड़ी बहुत भी सोशल मीडिया मार्केटिंग की जानकारी है

ऐसे में आप उस छोटे बिजनेसमैन की हेल्प कर सकते हो उसके बिजनेस को आगे ले जाने में वह आपको कुछ पैसे दे सकता है हालांकि वह इतने पैसे तो नहीं देगा जितना कि एक बहुत बड़ी कंपनी देती है लेकिन आपको वह बहुत अच्छा पैसा दे देगा

स्टूडेंट IRCTC एजेंट बन कर पैसे कैसे कमायें

आप IRCTC के एजेंट बनकर भी पैसे कमा सकते हो। इसमें स्टूडेंट 12 पास होना ज़रूरी हैं, और 25 हज़ार ख़र्च करने की क्षमता होनी चाहिये। इसमें आपको लोगों की टिकट बूक करना होता हैं। और इसके बदले में रेलवे आपको पैसे देता हैं। आपको एजेंट बनने के लिए इनकी वेबसाईंट पर एक फ़ार्म भरना होता हैं।

आपको अपने कुछ ज़रूरी काग़ज़ात भी सबमिट करने होते हैं। और इसके बात आपके काग़ज़ात को वेरिफ़ाई किया जाता हैं। सब कुछ वेरिफ़ाई होने के बाद आपको रेलवे एजेंट बना देता हैं और आपको एक किट दी जाती हैं इसके लिए आपको थोड़ी इंटरनेट की भी जानकारी होना ज़रूरी हैं तभी आप टिकेट बूक कर पाओगे इसके बारे में अधिक जानकारी चाहिये तो आपको IRCTC एजेंट कैसे बने पुरा पढ़ना होगा।

ये भी जाने: IRCTC एजेंट कैसे बने।

स्टूडेंट बैंक से पैसे कैसे कमायें

सभी सटूडेंट बैंक से जुड़ कर पैसे कमा सकते हैं। इस योजना को मिनी बैंक या बैंक मित्र बोलते हैं, आपको मिनी बैंक खोलने का अवसर जन धन योजना के अंतर्गत मिलता है। और आपको बैंक के साथ कमाने का मौक़ा मिलता हैं और सबसे अच्छी बात इसमें आपको एक फ़िक्स सेलरी भी मिलती हैं। और यह सेलरी 20 से 25 हज़ार हो सकती हैं।

और अगर आप घुमने के फिरने का शौक़ हैं तो आप स्टेट बैंक आँफ इंडिया (SBI) बैंक से भी पैसे कमा सकते हो और SBI बैंक आपको 20 हज़ार रुपये सेलरी देता हैं। इनका एक प्रोग्राम हैं SBI यूथ फेलोशिप प्रोग्राम आपको यह प्रोग्राम जोईंन करना होगा इसमें स्टूडेंट सनातक पास होना ज़रूरी हैं। इस प्रोग्राम में अनुभवी एनजीओ के साथ समाज सेवा करने का मौक़ा भी मिलता हैं और आपको पैसे भी मिलते है।

स्टूडेंट कैप्चा से पैसे कैसे कमायें 

अगर आपको कैप्चा से पैसे कमाने हैं। तो सबसे पहले अपको पता होना चाहिये की कैप्चा क्या हैं तभी आप कैप्चा से पैसे कमा सकते हो। कैप्चा एक ऐसा प्रोग्राम हैं, जो सिर्फ़ टेस्ट के लिए बनाया जाता हैं। इसको कंप्यूटर या कोई मशीन पास नहीं कर सकती सिर्फ़ मनुष्य ही पास कर सकता हैं। अपने देखा होगा की कब हम किसी वेबसाईट पर विज़िट करते हैं। तो वहाँ हमें वेरिफ़िकेशन के लिए कुछ वर्ड डालने होते हैं, ये इसी को कैप्चा कहते हैं।

कैप्चा से पैसे कमाने के लियें हमें कैप्चा बेबसाईंट पर एक आँकाऊनट बनाना होता हैं। वहाँ पर आपको कुछ कैप्चा दिए जाते हैं आपको उनको हल करना होता हैं। आपको 1000 कैप्चा हल करने पर 2$ मिलते हैं। आप जितने ज़्यादा कैप्चा हल करोगे उतने ज़्यादा पैसे कमा सकते हो और जितनी ज़्यादा आपकी टाईप स्पीड ज़्यादा होगी उतने ज़्यादा आप पैसे कमा सकते हो।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q. बैंक से पैसे कैसे कमाए?

बैंक से कई प्रकार से पैसे कमा सकते है। बैंक में जॉब ले कर पैसे कमा सकते ही बैंक में पैसे इन्वेस्ट करके पैसे कमा सकते है, बैंक से मिनी बैंक लेकर पैसे कमा सकते है। अगर आपके अंदर कोई ऐसा कौशल है जो बैंक की ज़रूरत है। तो आप बैंक से जुड़ सकते है।

Q. पैसे कमाने वाले ऐप कौन कौन से हैं?

  • RozDhan पैसे वाला ऐप।
  • MPL पैसे वाला ऐप।
  • Meesho पैसे वाला ऐप।
  • Quora पैसे वाला ऐप।
  • Google Pay पैसे वाला ऐप।
  • PhonePe पैसे वाला ऐप।
  • Dream11 पैसे वाला ऐप।

Q. छात्र घर पर कमाई कैसे करे?

  1. Blogging करके पैसे कमाए
  2. YouTube Channel बनाकर से पैसे कमाए
  3. Google AdSense से पैसे कमाए
  4. Affiliate Marketing से पैसे कमाए
  5. Content Writing करके पैसे कमाए
  6. Freelancing करके पैसे कमाए
  7. OLX के द्वारा पैसे कमाए
  8. eBook बनाकर पैसे कमाए

Q. यूट्यूब 1 दिन में कितना कमाता है?

यूट्यूब की 1 दिन की कमाई कितनी करता है? – Quora. यूट्यूब की 1 दिन की कमाई कितनी करता है? फोल्क्सवेगन चैनल द्वारा दूसरा स्थान हासिल किया गया है, इस चैनल की दैनिक कमाई $ 48 है, इसलिए प्रति वर्ष सालाना आय $ 17280 (1.2 करोड़ रुपये) है।

Q. यूट्यूब 1००० व्यूज का कितना पैसा देता है?

जिस तरह से आपको यूट्यूब से कोई निश्चित क्लिक नहीं मिलता उसी तरह से हर क्लिक की CPC भी कम ज्यादा होती है । आपकी CPC घटकर 0.02, 0.01 भी हो सकती है, और आपकी cpc बढकर 0.10, 0.15, 0.20 भी हो सकती है यानि कि यूट्यूब आपको 1000 views par 1.40 $ दे सकता है।

तो दोस्तों यह थी स्कूल कॉलेज के छात्र पार्ट टाइम ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए। पूरी जानकारी आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। 

What-is-C-Language-

C Language क्या है, और कैसे सीखें? (What is C Language and How to Learn)

आजकल इंटरनेट और कंप्यूटर की दुनिया में हर जगह कंप्युटर प्रोग्रामिंग की बात हो रही है। चाहे वो आर्टफिशल इन्टेलिजन्स हो या मशीन लर्निंग एक हिसाब से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बिना कंप्यूटर और इंटरनेट की कल्पना नहीं की जा सकती। और बात करे C लैंग्वेज की तो इसकी मदद से दुनिया के कई बड़े सॉफ्टवेयर बनाएं गए हैं। जैसे Windows , Linux , Unix आदि और आज भी इसकी पॉपुलैरिटी कम नही है।

दुनिया में हजारों तरह की भाषाएं अलग अलग तरह से बोली और लिखी जाती हैं, इनमें से कुछ लैंग्वेज किसी देश-प्रदेश तक ही सीमित हैं। जबकिइंग्लिश अंतरराष्ट्रीय रूप से बोली जाने वाली भाषा है।

उसी तरह कंप्यूटर की भी भाषा होती है। जिसे हम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते हैं। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज मनुष्य के द्वारा लिखी और समझी जाती है। इसीलिए कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के रूप में इंग्लिश का प्रयोग किया जाता है।

कंप्यूटर के प्रोग्राम जिनके अनुसार कंप्यूटर काम करता है। यह कई तरह के लैंग्वेज में लिखे जाते हैं जैसे Low Level LanguageAssembly LanguageHigh Level Language. कंप्यूटर सिर्फ मशीन लैंग्वेज को समझता है। जिसमें केवल दो बाइनरी डिजिट यानी कि 0 और 1(0,1) शामिल हैं।

कंप्यूटर के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करके कोडिंग लिखने के लिए मनुष्य केवल हाई लेवल लैंग्वेज को ही  आसानी से समझ पाता है। क्योंकि यह बहुत ही आसान होती है। और इसमें साधारण इंग्लिश के शब्दों का प्रयोग किया जाता है। और बाद में कंपाइलर का प्रयोग करके प्रोग्राम को मशीनी भाषा में बदला जाता है जिसे कंप्यूटर हमारे द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन को समझ जाता है। हाई लेवल लैंग्वेज के अंतर्गत C, C++JavaPaython इत्यादि जैसी प्रोग्रामिंग भाषाएं शामिल है।

C Language क्या है? (what is c language)

C एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जो जनरल पर्पस के लिए उपयोग में लाई जाती है। आसान भाषा में यह एक कंप्यूटर की भाषा है। जो कंप्यूटर को यह निर्देश देती है कि उसे किस तरह का काम करना है। आप तो जानते ही होंगे कि कंप्यूटर सिर्फ बाइनरी लैंग्वेज समझता है। जिसे मशीनी भाषा कहा जाता है। हर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का एक कम्पाइलर होता है। जो कंप्यूटर स्क्रीन पर लिखे गए कोड को बाइनरी में बदल देता है और कंप्यूटर उसी कोड के अनुसार काम करता है।

किसी भी सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन को बनाने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ही यूज़ किया जाता है. C लैंग्वेज एक बहुत पुरानी लैंग्वेज है जिसे 1972 के आसपास बनाया गया था. C बहुत ही सिम्पल और Easy लैंग्वेज है,। अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं की तुलना में इसी लैंग्वेज के ऊपर कई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बनाएं गए है जैसे C++ , Java , JavaScript , PHP आदि।

इसलिए अगर हम C लैंग्वेज को सीख ले तो बाकी लैंग्वेज को सीखना काफी आसान हो जाता है। आज भी कई स्कूल में कंप्यूटर साइंस की फ़ील्ड में सबसे पहले C भाषा को ही पढ़ाया जाता है। क्योंकि इसे आप आसानी से सीख और समझ सकते है। इसके सीटेक्स और ग्रामर काफी आसान है। आपको शायद नहीं होगा कि माइक्रोसॉफ्ट की विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम C लैंग्वेज में ही बनी है। और अभी भी माइक्रोसॉफ्ट के कई प्लेटफॉर्म पर इसका इस्तेमाल होता है।

C लैंग्वेज का इतिहास (History Of C Language)

C लैंग्वेज की शुरुआत 1960 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हो गई थी। और उस समय इसे B लैंग्वेज के नाम से जाना जाता था। इसके बाद 1972 में Bell Labs के एक कंप्यूटर वैज्ञानिक ने इसमें सुधार करके इसे C लैंग्वेज का नाम दिया। उनका नाम डेनिस रिची था। और इन्हीं को C लैंग्वेज का इन्वेन्टर भी माना जाता है। उस समय ये Unix और Dos के लिए उपलब्ध था और इन दोनों के लिए Compiler भी अलग अलग थे।

C भाषा की विशेषता है? (C language feature)

सी भाषा की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है जिसके कारण यह एक पॉपुलर लैंग्वेज बनी और इतनी पुरानी होने के बाद भी इसका यूज़ हो रहा है. तो देखते हैं कि वो मुख्य विशषताएं कौन सी है –

  1. C को  एक Middle Level Language माना जाता है क्योंकि इसमें उच्चस्तरीय और निम्नस्तरीय दोनों भाषाओं के गुण पाए जाते है।
  2. इस लैंग्वेज का ज्यादा use सिस्टम प्रोग्रामिंग लिए होता है।
  3. C एक स्ट्रक्चर्ड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है मतलब इसके प्रोग्राम को कई भागों में तोड़ा जा सकता है जिससे कि प्रोग्राम को समझने में काफी सहायता मिलती है।
  4. C में बने हुए प्रोग्राम काफी फास्ट होते हैं और अन्य लैंग्वेज के मुकाबले इनका एक्सक्यूशन बहुत तेज होता है।
  5. इस लैंग्वेज का अपना खुद का ग्रामर है इसलिए इसमें स्पिसिफिक Specific Syntax होते है। जो इसे सरल और आसान बनाता है।
  6. कुल मिलाकर C लैंग्वेज बहुत ही ईजी और पावरफूल लैंग्वेज है।  जो कई तरह के प्रोग्रामिंग के लिए उपयोग में लाई जाती है।
C प्रोग्राम की संरचना (Structure of C Program)

हम जब भी कोई C प्रोग्राम लिखते हैं। तो इसके पहले Flow Chart को तैयार करना पड़ता है। और इस Flow Chart को हम C प्रोग्राम के स्ट्रक्चर की मदद से तैयार करते है। Flow Chart एक फईगुर के जैसा होता है जिसमें C प्रोग्राम का बेसिक स्ट्रक्चर का Figure बनाना होता है। तो देखते हैं कि वो बेसिक चीज़ें कौन सी है –

Comment Entry 

किसी भी प्रोग्राम का कोई ना कोई ऑब्जेक्टिव होता है जैसे प्रोग्राम किस चीज़ के बारे में लिखा जा रहा है. कमेन्ट एंट्री को Compiler नहीं पढ़ पाता है। ये सिर्फ प्रोग्राम बनाने वाला ही देख या पढ़ सकता है। कमेन्ट एंट्री में लिखे गए कोड का प्रोग्राम से कोई लेना देना नहीं होता है क्योंकि ये प्रोग्रैमर के द्वारा प्रोग्राम के आब्जेक्टिव को describe करने के लिए होता है. इसे कमेन्ट Mark के अंदर लिखा जाता है जैसे  /*—————————–*/

Link Section 

इस सेक्शन को प्रोग्राम के Head में रखा जाता है। और इन्हे header file कहा जाता है। जैसे stdio.h और conio.h और dos.h और graphics.h  आदि. इन्हे Head में क्रमशाः # include <stdio.h> और # include <conio.h> लिखा जाता है। एक हिसाब से इसे C की लाइब्रेरी कहा जाता है। क्योंकि Program में use होने वाले कई जरूरी फंगक्शन इन्हीं फाइल में रहते हैं। जैसे Printf and Scanf .

Main Function 

यह C प्रोग्राम का एक necessory हिस्सा होता है और प्रोग्राम के compile होने की शुरुआत इसी फंगक्शन से होती है। प्रत्येक सी प्रोग्राम में इसका होना जरूरी है क्योंकि प्रोग्राम का एक्सक्यूशन भी main () function से ही शुरू होता है।

Variable declaration 

जब आप C प्रोग्राम बनाना शुरू करेंगे तब आपको प्रोग्राम शुरुआत में या बीच में वेरीअबल का use करना होगा।  वेरीअबल का use करके ही यूजर से कोई इनपुट लिया जा सकता है। और प्रोग्राम को अच्छे से मेमोरी में स्टोर करने के लिए. एक बार अगर कोई Variable ले लिया जाता है तो उसका use पूरे प्रोग्राम में होता रहता है. Variable के बिना किसी भी वैल्यू को ना तो लिखा जा सकता है और ना ही डिफाइन किया जा सकता है।

इन सबके अलावा भी C में बहुत कुछ होता है जैसे एक्सिक्युटेबल पार्ट जिसमे प्रोग्राम का वह भाग रहता है जिसे एक्सक्यूट होना है। इसके बाद कुछ sub प्रोग्राम भी बीच बीच में लिखे जाते है। आगे हम एक C प्रोग्राम बनायेंगे जिसमे आप अच्छे से इसे समझ जायेंगे।

यहां पर हम एक छोटा सा C प्रोग्राम बनायेंगे जिससे आप समझ जायेंगे की एक C प्रोग्राम कैसे बना होता है, कौन से वर्ड का क्या मतलब होता है। ये सिर्फ एक छोटा सा इग्ज़ैम्पल है जिससे C से जुड़ी Confusion दूर हो सके। Capture A C program

ऊपर के प्रोग्राम में सबसे पहले #include <stdio.h> लिखा गया है और इसी को Header File कहा जाता है. हर प्रोग्राम में इसका use होता है क्योंकि इसी में printf और scanf जैसे function आते हैं। इसके बाद main function लिया गया है और फिर variable लिया गया है. फिर printf और scanf function लिया गया है ताकि user से कोई input लिया जा सके. इस प्रोग्राम का Output यह होगा कि जब भी आप कोई दो नंबर लिखकर Enter Press करेंगे तो उनका जोड़ यानि sum आ जायेगा. इसे आप अपने कंप्यूटर पर भी Run करके देख सकते है। किसी भी प्रोग्राम को Run करने से पहले उसे compile करना पड़ता है ताकि वो बाइनरी नंबर में कन्वर्ट हो जाए।

C Language कैसे सीखे? (How to Learn C Language)

यदि आप सी लैंग्वेज सीखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप किन रिसोर्सेज की मदद से इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखेंगे।

सी लैंग्वेज को सीखने के लिए किसी एक रिसोर्स को तय करें क्योंकि आजकल बहुत सारे प्लेटफार्म अवेलेबल हैं जो आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाते हैं, लेकिन आप किसी एक प्लेटफार्म को तय करें जहां से आप सीखना चाहते हो और उसी प्लेटफार्म से आप शुरू से लेकर अंत तक पढ़ें।

जिससे आपके सारे कांसेप्ट स्टेप बाय स्टेप क्लियर होंगे और यदि आप थोड़ा किसी दूसरे प्लेटफार्म से थोड़ा किसी दूसरे प्लेटफार्म से इस प्रकार से सीखते हैं तो काफी संभावनाएं हैं कि आप कोडिंग सही तरीके से सीख भी ना पाए और कुछ स्टेप्स भी छोड़ दें।

ऑनलाइन वेबसाइट से सीखे? (learn from online website)

आजकल कोई भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना हो तो सबसे अच्छा माध्यम वेबसाइट मानी जाती है, क्योंकि इंटरनेट पर कई सारे ऐसे वेबसाइट उपलब्ध हैं जो आपको फ्री में और कुछ पैसे लेकर प्रोग्रामिंग के कोर्स प्रोवाइड कराते हैं इसलिए यदि आप सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना चाहते हैं तो ऑनलाइन वेबसाइट पर मौजूद कोर्स को कर सकते हैं।

यह कोर्स free और paid दोनों प्रकार के होते हैं ।

यदि आप की एनालिटिकल और कैचिंग पॉवर तेज है तब आप कोर्स के फ्री वाले वर्जन से पढ़ सकते हैं और सी लैंग्वेज सीख सकते हैं। यदि आप को समझने में थोड़ा सा समय लगता है या फिर आप एडवांस लेवल का पढ़ना चाहते हैं तो इसके लिए आप paid कोर्स ले सकते हैं और घर बैठे 1 से 2 महीने के अंदर सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीख सकते हैं।

यहां से आप फ्री और पेड दोनों प्रकार के कोर्स कर सकते हैं-

  • Codecademy .com,
  • Codescgool .com,
  • codes .com .
यूट्यूब की मदद से सीखे. (Learn with the help of youtube)

आज के समय में यूट्यूब एक ऐसा विकल्प है जहां से हम सब कुछ बहुत ही आसान तरीके से सीख सकते हैं। यदि हम सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखने की बात करें तो यूट्यूब पर कई ऐसे चैनल उपलब्ध हैं जो बहुत ही आसान भाषा में हमें निशुल्क सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाते हैं

कोचिंग की मदद से सीखे (learn through coaching)

यदि आप इंटरनेट या वीडियो के माध्यम से पढ़ना पसंद नहीं करते हैं तो इसके लिए आप किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट को ज्वाइन कर सकते हैं ।

आजकल सभी शहरों में बहुत सारे ऐसे चिट्टूर होते हैं जो सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज या फिर अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाते हैं।अगर आप अच्छे से एडवांस लेवल तक का सीखना चाहते हैं तो वहां से आप आसानी से सीख सकते हैं इसके बदले में आपको सर्टिफिकेट भी दिए जाते हैं।

इंस्टिट्यूट ज्वाइन करें (Join Institute)

यदि आप अपना करियर प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में बनाना चाहते हैं और आगे की पढ़ाई भी प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में ही करना चाहते हैं तो इसके लिए आप कोई कॉलेज/इंस्टिट्यूट ज्वाइन करें जहां पर आपको स्पेसिफिक कोर्स के द्वारा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाई जाती हैं।

वहां पर आपको केवल सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज ही नहीं बल्कि कई सारी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाई जाएंगी। इसलिए यदि आप अपना करियर प्रोगामिंग के क्षेत्र में बनाने के इच्छुक हैं तब आप इंस्टीट्यूट ज्वाइन करके प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीख सकते हैं।

सी लैंग्वेज में एक्सपर्ट कैसे बने? (How to become an expert in C language)

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हो या फिर स्पोकन लैंग्वेज सभी भाषाओं को सीखने के लिए हमें प्रैक्टिस करने की बहुत जरूरत होती है

क्योंकि जब तक हम प्रेक्टिस नहीं करते हैं तब तक हम उस भाषा में निपुण नहीं हो पाते ठीक उसी प्रकार प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का भी कांसेप्ट है। अगर हमें किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में एक्सपर्ट बनना है तो उसके लिए हमें नियमित अभ्यास करना होगा। सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में आप जितना सीखे प्रतिदिन उतना किसी प्रैक्टिस सॉफ्टवेयर जैसे turbo c पर जाकर डेली प्रैक्टिस करें। जितना ज्यादा प्रैक्टिस करेंगे उतना ज्यादा आपको कोड लिखने का अनुभव होगा और आप सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में एक्सपर्ट बन जाएंगे

इसलिए कोडिंग सीखते समय किसी भी प्रकार की जल्दबाजी ना करें प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान दें। सी लैंग्वेज में कोड लिखते समय variable ,Array string, structure, pointer,loop,syntax आदि का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

तो दोस्तों यह थी C Language क्या है और कैसे सीखें? पूरी जानकारी आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। 

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पाइथन (Python) क्या है? (What is Python )

अगर आप कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में दिलचस्बी रखते है तो आपने कभी न कभी “पाइथन” का नाम जरूर सुना होगा लेकिन क्या आप जानते है। की पाइथन क्या है।  और पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

अगर आप भी जानना चाहते है की पाइथन क्या है (What is Python) तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि आज के इस आर्टिकल में आपको पाइथन से सम्बंधित आपके सभी सवालों के जवाब मिलने वाले है।

पिछले कुछ दिनों से Java , C और C++ जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज के साथ साथ Python का नाम भी प्रसिद्द हो रहा है। और इसका इस्तेमाल भी काफी तेजी से किया जा रहा है।

तो दोस्तों क्या आप जानते है, की वर्त्तमान समय में डाटा साइंस , मशीन लर्निंग , सिस्टम ऑटोमेशन , वेबसाइट डेवलपमेंट और API डेवलपमेंट जैसी कई चीजों के लिए पाइथन का ही इस्तेमाल सबसे ज्यादा क्यों किया जा रहा है।  जबकि यह सब काम बाकि प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज से भी किये जा सकते है।

Python में कई सारी ऐसी खूबियां है जिस कारण इसका इस्तेमाल दुनिया भर में काफी ज्यादा किया जा रहा है। और आने वाले समय में भी इसका इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ जायेगा।

पाइथन क्या है? (What Is Python)

पाइथन एक Interpreted, High-level और General-purpose Object Oriented प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। जिसका इस्तेमाल डाटा साइंस , मशीन लर्निंग , डाटा एनालिसिस , वेब स्क्रैपिंग, सिस्टम ऑटोमेशन , वेबसाइट डेवलपमेंट और API डेवलपमेंट जैसी कई चीजों के लिए किया जाता है।

पाइथन को सबसे पहले 1980 के दशक में बनाया गया था और 1991 में इसे Guido van Rossum द्वारा पहली बार रिलीज़ किया गया।  Guido van Rossum एक डच कंप्यूटर प्रोग्रामर है। जिन्हे पाइथन प्रोग्रममिनग लैंग्वेज के निर्माता के रूप में जाना जाता है।

Python यह एक ऐसी ऑब्जेक्ट ऑरिएन्टेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसे इस प्रकार बनाया गया है की प्रोग्राममर्स को अपने छोटे और बड़े आकार के प्रोजेक्ट्स में कोड को स्पष्ट रूप से लिखने में और लॉजिकल कोड लिखने में आसानी होती है।

यह एक ओपन सोर्स यानि एक फ्री प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है क्योंकि यह लैंग्वेज GPL जनरल पब्लिक लाइसेंस के अंतर्गत उपलब्ध है और इसका इस्तेमाल आप Windows , MAC और LINUX जैसी सभी ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर कर सकते है क्योंकि पाइथन एक पोर्टेबल और प्लेटफॉर्म इंडिपेंडेंट लैंग्वेज भी है।

Python के syntax और रीडबिलिटी के कारण इसे सीखना और समझना काफी आसान है।  इसलिए एक बिगिनर पाइथन से आसानी से प्रोग्रामिंग सीखना शुरू कर सकता है , अगर आप प्रोग्रामिंग सीखना शुरू करना चाहते है तो आप पाइथन से शुरू कर सकते है।

पाइथॉन Meaning इन हिन्दी (python meaning in hindi)

वैसे देखा जाये तो पाइथन का हिंदी में साधारण अर्थ अजगर होता है लेकिन यहाँ पर पाइथन एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नाम है। पाइथन को लेकर लोगों के मन में काफी सवाल होते है की इस लैंग्वेज का नाम पाइथन क्यों है तो आपको बता दूँ की पाइथन लैंग्वेज का नाम Monty Python’s Flying Circus नामक BBC कॉमेडी सीरीज द्वारा प्रकाशित एक कॉमेडी शो से रखा गया है , दरसल दरसल 1970 दशक में Monty Python’s Flying Circus नामक काफी प्रसिद्ध हुई थी उसीसे प्रेरित होकर Van Rossum ने इस लैंग्वेज का नाम python रख दिया।

पाइथन का इतिहास (History Of Python)

पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को 80 के दशक के अंत में नीदरलैंड के नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर मैथेमेटिक्स एंड कंप्यूटर साइंस में नब्बे के दशक के शुरुआती दिनों में Guido van Rossum द्वारा विकसित किया गया था , पाइथन ABC, Modula-3, C, C++, Algol-68, SmallTalk, Unix shell और कई अन्य स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज से लिया गया है।

सबसे शुरुआत में फरवरी 1991 में Van Rossum द्वारा पाइथन का 0.9.0 Version लांच किया गया जो की उस वक़्त डेवलपमेंट प्रोसेस में ही था इस वर्शन में core datatypes list, dict, str जैसे प्रोग्रामिंग फीचर्स के साथ साथ Inheritance , classes , Functions , Exception Handling जैसे ऑब्जेक्ट ऑरिएन्टेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज bject के फीचर्स भी पाइथन में उपलब्ध थे।

जनवरी 1994 में पाइथन का 1.0 version लांच किया गया जिसमे पाइथन के आरंभिक फीचर्स के साथ कुछ नए फीचर्स और प्रोग्रामिंग टूल्स को जोड़ा गया और इसके बाद पाइथन के नए नए वर्ज़न आते गए।

पाइथन की विशेषताएं।  (Features Of Python)

किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सिखने से पहले हमे उसकी विशेषताओं के बारे में जरूर पता होना चाहिए , Python में भी ऐसी ही कुछ खास विशेषताएं है। जो इसे अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज से अलग बनाती है।

ईजी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Easy Programming Language)

Python एक हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। लेकिन बाकि हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज जैसे C, C#, Javascript, Java आदि के साथ अगर इसकी तुलना की जाये तो पाइथन को सीखना काफी आसान है। इसे कोई भी बिगिनर कुछ घंटों में या कुछ दिनों में सिख सकता है।

पाइथन के Syntax बाकि प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज के मुकाबले काफी आसान होते है जिसे कोई भी बिगिनर आसानी से समझ सकता है इसीलिए Python को ईजी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी कहा जाता है , सभी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में पाइथन को सीखना काफी आसान है क्योंकि इसे सिर्फ थोड़े ही प्रयास करके सीखा जा सकता है।

फ्री एण्ड ओपन सोर्स (Free and Open Source)

पाइथन एक Open Source प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। जिसे आप इसकी ऑफिसियल वेबसाइट से डाउनलोड करके यूज़ कर सकते है। ओपन सोर्स का मतलब इस लैंग्वेज का Source Code सभी लोगों के लिए उपलब्ध है जिसे कोई भी फ्री में डाउनलोड करके यूज़ कर सकता है, और शेयर भी कर सकता है।

हाई लेवल लैंग्वेज (High-Level Language)

Python एक हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।  जिस वजह से आप इसे किसी भी सिस्टम पर चला सकते है इसलिए आप जब भी कोई पाइथन का प्रोग्राम करते है। उस वक़्त आपको सिस्टम आर्किटेक्चर और मेमोरी मैनेजमेंट के बारे में सोचने की कोई जरुरत नहीं होती है।

जीयूआई प्रोग्रामिंग समर्थन (GUI Programming Support)

यह लैंग्वेज GUI मतलब ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (Graphical User interfaces) को भी सपोर्ट करती है। जिस वजह से आप पाइथन में शानदार ग्राफिकल एप्प भी बना सकते है , PyQt5, PyQt4, wxPython जैसे GUI मॉडुलस का इस्तेमाल करके पाइथन में ग्राफिकल अप्प्स बनाये जा सकते है।

वस्तु-उन्मुख भाषा (Object-Oriented Language)

पाइथन एक python एक ऑब्जेक्ट ऑरिएन्टेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसलिए यह ऑब्जेक्ट ऑरिएन्टेड कान्सेप्ट जैसे Classes , Objects , encapsulation , Encapsulation , Inheritance को सपोर्ट करता है।

पोर्टेबल भाषा (Portable Language)

Python एक पोर्टेबल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी है। जिसका मतलब मान लीजिये अगर आपने विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम पर पाइथन का कोड लिखा है और आप उसे Linux या Mac जैसी किसी दूसरी ऑपरेटिंग सिस्टम पर Run करना चाहते है। तो आपको कोड में बदलाव करने की कोई जरुरत नहीं होती है , Python का कोड किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम में आप रन कर सकते है।

एक्स्टेंसिबल भाषा (Extensible Language)

पाइथन एक एक्स्टेंसिबल लैंग्वेज लैंग्वेज है , आप पाइथन का कोड C , C++ जैसी किसी दूसरी हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में भी लिख सकते है और उसे C , C++ में कम्पाइल भी कर सकते है।

एकीकृत भाषा (Integrated language)

पाइथन लैंग्वेज को अन्य हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज के साथ आसानी से इंटेगरटेड किया जा सकता है। क्योंकि Python एक इंटेगरटेड लैंग्वेज (Integrated language) है।  इसलिए पाइथन को आप c, c++ जैसी लैंग्वेज में आसानी से इंटेगरटेड कर सकते है।

बड़ा मानक पुस्तकालय (Large Standard Library)

पाइथन के साथ हमे कोड की स्तनड्रेड लाइब्रेरी भी मिलती है। जिस कारण हमे हर चीज के लिए कोड लिखने की जरुरत नहीं होती है , पाइथन में ऐसी कई यूज़फूल लाइब्रेरीज मौजूद है जिनसे हम काफी सारा कोड लिखने से बच सकते है।

पाइथन संस्करण का इतिहास (History of Python Version)
  • Python 1.0 – January 1994
    • Python 1.2 – April 10, 1995
    • Python 1.3 – October 12, 1995
    • Python 1.4 – October 25, 1996
    • Python 1.5 – December 31, 1997
    • Python 1.6 – September 5, 2000
  • Python 2.0 – October 16, 2000
    • Python 2.1 – April 15, 2001
    • Python 2.2 – December 21, 2001
    • Python 2.3 – July 29, 2003
    • Python 2.4 – November 30, 2004
    • Python 2.5 – September 19, 2006
    • Python 2.6 – October 1, 2008
    • Python 2.7 – July 4, 2010
  • Python 3.0 – December 3, 2008
    • Python 3.1 – June 27, 2009
    • Python 3.2 – February 20, 2011
    • Python 3.3 – September 29, 2012
    • Python 3.4 – March 16, 2014
    • Python 3.5 – September 13, 2015
    • Python 3.6 – December 23, 2016
    • Python 3.7 – June 27, 2018
पाइथन लैंग्वेज क्यों सीखनी चाहिए? (Why should learn Python language)

अगर आप पाइथन सिखने की सोच रहे है तो आपको यह पता होना चाहिए की Python में ऐसी क्या ख़ास बातें है जिस वजह से Python को सीखना चाहिए।

  1. पाइथन सिखने का सबसे बड़ा यह कारन है की यह लैंग्वेज काफी प्रसिद्द और सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसका डिमांड भविष्य में भी काफी ज्यादा होने वाला है।
  2. यह एक फ्री और ओपन सोर्स लैंग्वेज है जिसका इस्तेमाल करने और सिखने के लिए कोई पैसा नहीं लगता है।
  3. Python के syntax आसान होने के कारण यह लैंग्वेज सिखने के लिए बाकि प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज के मुकाबले काफी आसान है।
  4. पाइथन एक ऑब्जेक्ट ऑरिएन्टेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है इसलिए अगर आप पाइथन सीखते है तो इसमें आपको ऑब्जेक्ट ऑरिएन्टेड प्रोग्रामिंग की कान्सेप्ट सिखने को मिलेंगी जो आपको C++ और जावा जैसी बाकि दूसरी लैंग्वेजेज को सिखने में काम आएँगी।
  5. अगर आप पाइथन सीखते है तो आपको भविष्य में काफी अच्छी सैलरी वाली जॉब मिल सकती है।
  6. जैसा की हमे पता है की आने वाले समय में Artificial intelligence तकनीक का इस्तेमाल बढ़ने वाला है और Artificial intelligence में पाइथन का इस्तेमाल किया जाता है।
  7. डाटा साइंस  और मशीन लर्निंग जैसी टेक्नोलॉजीज में पाइथन का इस्तेमाल किया जाता है।
पाइथन के फायदे? (Python Advantages)
  1. Python के कोड को पढना, समझना और सीखना आसान है। क्योंकि इसके syntax सरल होते हैं और उसमे अंग्रेज़ी के शब्द शामिल होते हैं।
  2. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के काम को आसान बनाता है क्योंकि की सीखना समझना आसान है और इससे समय की बचत भी होती है।
  3. अगल-अलग प्लेटफॉर्म और सिस्टम्स पर काम कर सकता है।
  4. इसके स्ट्रॉंग स्तनड्रेड लाइब्रेरी की वजह से कई सारे modules, functions आदि मिल जाते हैं जिससे हर एक चीज की कोडिंग करने की जरुरत नही पड़ती।
  5. कई सारे ओपन सोर्स फ्रैम्वर्क और टूल्स मौजूद हैं जो की काम को आसान बनाते हैं।
  6. बेहतरीन कम्यूनिटी सपोर्ट की वजह से आप अपने प्रॉब्लेम का सोल्यूशंस भी पा सकते हैं।
पाइथन लैंग्वेज के नुकसान (Disadvantages of Python)
  1. Speed Limitation: जैसा की हमने बताया की यह एक इन्टर्प्रटड लैंग्वेज है और यह कम्पाइलर उसेस  नही करता है इसलिए यह C, C++ जैसे language के मुकाबले स्लो एक्सक्यूट होता है।
  2. Memory Consumption: पाइथन अधिक मेमोरी कन्सूम करता है इसलिए कम मेमोरी के साथ काम नही किया जा सकता।
  3. मोबाईल और गेम डेवलपमेंट के लिए सही नही है: फिलहाल इससे एडवांस्ड लेवल के मोबाईल एप और गेम डिवेलप नही किया जाता है।
  4. Simplicity भी एक disadvantage है: पाइथन का आसान होना फायदेमंद तो है लेकिन इसका सरल होना भी नुकसानदायक है। पाइथन में काम करने के बाद डेवलपर को दुसरे कठिन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में काम करने में थोड़ी परेशानी हो सकती है। हालाँकि यह पूरी तरह डेवलपर पर निर्भर करता है।
  5. Runtime Errors: चूंकि इसमें कम्पाइलर नही होता इसलिए कम्पाइल टाइम में error का पता नही चलता इससे error डिटेक्शन का काम मुश्किल होता है।

तो दोस्तों यह थीपाइथन (Python) क्या है? पूरी जानकारी आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। 

खराब-हार्ड-डिस्क-से-डाटा-रिकवर-कैसे-करे-2

हैकिंग क्या है? और हैकर कैसे बनें। (What is hacking? And how to become a hacker)

आज के समय में इंटरनेट पर कार्य करने पर हैकिंग से सम्बंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हैकिंग विश्व में बहुत अधिक प्रसिद्ध हो रहा है, लोगो की रुची हैकिंग के प्रति बढ़ती जा  रही है। युवाओ में हैकिंग को लेकर काफी उत्सुकता देखने को मिलती है। कई लोग हैकर बनना चाहते है, इसके लिए कई प्राइवेट कॉलेज, इंस्टिट्यूट में हैकिंग का कोर्स संचालित करते है। इसकी सहायता से आप एक हैकर बन सकते है।

हैकिंग का सीधा मतलब बिना अनुमति किसी के कंप्यूटर, डाटा या सिस्टम में घुस कर उस पर काबू पाना और उसकी जानकारी हासिल करना हैकिंग कहलाता है। यह जानकारी किसी अच्छे काम के लिए भी हो सकता है और किसी के नुकसान के लिए भी. बहुत से लोगो का यह मानना होता है की हैकिंग एक क्राइम है। और ऐसा करने पर जेल भी हो सकती है. लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है हैकिंग से आपको तभी जेल हो सकती है जब आप इसका इस्तेमाल किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए करते हो. हैकर अगर किसी कंपनी या सरकारी वेबसाइट के सिक्यूरिटी को मजबूत करने के लिए करते है तो इसके उन्हें पैसे भी मिलते है और यह क्राइम भी नहीं माना जाता. आजकल हर बड़ी कंपनी अपने ऑनलाइन वेबसाइट को हैक होने से बचाने के लिए हैकर को नौकरी पर रखते है इस तरह से कोई भी हैकिंग में अपना करियर बना सकता है. मेरे हिसाब से भी अगर किसी को हैकिंग आती है तो इसका इस्तेमाल किसी के मदद के लिए करना चाहिए किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं करना चाइए।

Table of Contents

हैकिंग क्या है? (What is hacking)

हैकर वह होता है जो किसी गुणन की कमियों को उजागर करता है और उसे ठीक करने के लिए नए समाधान खोजता है।  इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया के अनुसार, एक हैकर वह है जो किसी भी कंप्यूटर, कंप्यूटर प्रोग्राम और नेटवर्क में एक कमजोर बिंदु पाता है और उसे ठीक करता है।

तो दोस्तों, जब भी हम ‘हैकर (Hacker)’ शब्द सुनते हैं, तो हमारे सामने एक चेहरा आता है, जिसकी आँखों पर बड़ा सा चश्मा और कंप्यूटर की तरह बहुत ही तेज़ दिमाग वाला व्यक्ति, जो कंप्यूटर एक्सपर्ट होता है, जो किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को हैक कर सकता है।

हम में से अधिकांश लोग इस तरह के हैकर के प्रति आकर्षित होते हैं, क्योंकि ऐसे हैकर का काम बहुत ही रोचक और दिलचस्प होता है, जो हम में से अधिकांश लोगों को पसंद आता है।

यही वजह है कि बहुत से छात्र हैकर बनना चाहते है, इसी वजह से बहुत से छात्र हैकर कैसे बनें? हैकर बनने के लिए क्या आवश्यक है? से संबंधित जानना चाहते है। अगर आप भी हैकर कैसे बनते है, से संबंधित जरुरी जानकारी से परिचित होना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है. आइये आगे बढ़ते है और हैकर्स के प्रकारो के बारे में जानते है।

हैकर्स के प्रकार (Types of Hackers)

लोग मानते हैं कि हैकिंग एक अपराध है, और ऐसा करने पर जेल हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। कहने का मलतब, अगर आप किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए हैकिंग करते हैं, तो हैकिंग अपराध है, तब आपको जेल हो सकती है.।

जैसे उदाहरण के लिए, यदि आपके घर में एक चाकू है, तो यह तब तक अच्छा है, जब तक आप इसका उपयोग सब्जियां काटने के लिए करते हैं। लेकिन जब आप इसका इस्तेमाल किसी को चोट पहुंचाने के लिए करते हैं, तो यह अपराध है, ऐसा ही हैकिंग (Hacking) के बारे में है। तो दोस्तों, अब आप समझ चुके होंगे कि हैकिंग कब सही और कब गलत है। 

हैकर कितने प्रकार के होते हैं। तीन प्रकार के हैकर्स होते है, उनमे से आपको ये तय करना होगा कि आप किस तरह के हैकर (Hacker) बनना चाहते हैं।

1. ब्लैक हैट हैकर्स (Black hat hackers)

इनका काम किसी के वेबसाइट डेटाबेस को चुराना, किसी के क्रेडिट कार्ड को हैक करना, कंप्यूटर वायरस आदि के साथ सिस्टम को नियंत्रित करना है। ऐसे हैकर्स को बहुत खतरनाक माना जाता है, जिन्हें पकड़ना आसान नहीं होता है, क्योंकि वे अपना सभी काम गुप्त रूप से करते हैं।

2. व्हाइट हैट हैकर्स (White hat hackers)

ऐसे हैकर्स अच्छे काम के लिए जाने जाते हैं, क्योंकि इनका काम दूसरों को खराब हैकर्स से बचाना है। ये हैकर्स कंपनियों में, सरकारी विभागों में आईटी प्रोफेशनल के रूप में कार्य करते है।

3. ग्रे हैट हैकर्स (Gray hat hackers)

इस तरह के हैकर्स अच्छे काम के साथ-साथ बुरे काम भी करते हैं। उनके हैक का उद्देश्य केवल लोगों को परेशान करना होता है. वे किसी के लिए काम नहीं करते हैं, ये केवल शौक के लिए हैकिंग करते है।

दोस्तों, यदि आप हैकिंग में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो मेरी राय है कि आपको व्हाइट हैट हैकर बनना चाहिए। इसमें करियर की काफी संभावनाए है। इसमें आप अपने नाम के साथ-साथ अच्छा खासा पैसा भी कमा सकते है।

हैकिंग के प्रकार (Types of Hacking)

हैकिंंग को हम अलग अलग कटेगरी में बाँट सकते हैं, इसके लिए हम ये नज़र करेंगे की क्या चीज़ हेक हुआ है। आपको समझाने के लिए में आप लोगों को कुछ उदहारण प्रस्तुत करता हु।

  • वेबसाइट हैकिंग  इस प्रकार के हैकिंंग का मतलब है की किसी वेब सर्वर और उसके असोसिएटेड सॉफ्टवेर जैसे की डेटाबेस और दुसरे इंटरफेस के ऊपर अनधिकृत नियंत्रण प्राप्त करना।
  • नेटवर्क हैकिंग − इस प्रकार के हैकिंंग का मतलब है की किसी नेटवर्क के ऊपर सभी जानकारी प्राप्त करना और जिनके लिए कई उपकरण हैं जैसे की Telnet, NS lookup, Ping, Tracert, Netstat, इत्यादि. ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य केवल नेटवर्क सिस्टम और उसके ऑपरेशन को नुकशान पहुँचाने का है।
  • ईमेल हैकिंग − इस प्रकार के हैकिंंग का मतलब है की इसमें हैकर बिना ओनर के पर्मिशन के ही उसके ईमेल अकाउंट पर अनधिकृत पहुंच प्राप्त कर लेता है. बाद में जिसे वो अपने अवैध कामों के लिए इस्तमाल करने वाला होता है।
  • एथिकल हैकिंग − इस प्रकार के हैकिंंग का मतलब है की किसी सिस्टम या नेटवर्क के वीकनेस को पहचानना और उसे ठीक करने में ओनर की मदद करना ये एक सुरक्षित हैकिंग प्रक्रिया हैं जिसमें ओनर के देखरेख में सभी कार्य किये जाते हैं।
  • पासवर्ड हैकिंग − इस प्रकार के हैकिंंग का मतलब है की जिसमें गुप्त पासवर्ड को रिकवर किया जाता है डाटा से जिन्हें की कंप्यूटर प्रणाली में स्टोर किया या संचारित किया जाता है किसी कंप्यूटर प्रणाली के द्वारा
  • कंप्यूटर हैकिंग − इस प्रकार के हैकिंंग का मतलब है की जिसमें की हैकर किसी कंप्यूटर प्रणाली के कंप्यूटर आईडी और पासवर्ड को जान जाता है हैकिंंग मेथड के इस्तमाल से एयर जिससे वो किसी कंप्यूटर प्रणाली पर अनधिकृत पहुंच प्राप्त कर लेते हैं। इससे ओनर को अपने डाटा के चोरी होने का खतरा होता है।
हैकर बनने के लिए क्या-क्या जरूरी है? (What do you Need to Become a Hacker)

वैसे तो, हैकिंग सीखने या हैकर बनने के लिए आपको किसी डिग्री या डिप्लोमा की पढाई करने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसके बिना ये इतना आसान भी नहीं है. यदि आप निम्नलिखित विषयों की पढाई करेंगे, तो हैकर बनना या हैकिंग सीखना आपके लिए आसान हो जाएगा. इसलिए निम्नलिखित स्टेप को फॉलो करे।

Step 1. सबसे पहले 12 वीं पास करे

अगर आप हैकिंग सीखना चाहते है, या हैकर (Hacker) बनना चाहते हैं, तो सबसे पहले आप 12 वीं पास करें। यदि संभव हो तो, 12 वीं कक्षा विज्ञान पीसीएम (Science PCM) विषय से पास करे।

Step 2. डिप्लोमा या डिग्री कोर्स करे 

यदि आप हैकर बनना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित डिप्लोमा या डिग्री कोर्स करना चाहिए. इन कोर्स को करने के बाद आपको कोडिंग, प्रोग्रामिंग का अच्छा ज्ञान हो जाएगा। यदि आप 12वीं के बाद डिप्लोमा कोर्स करते हैं, तो उसके बाद आपको डिग्री कोर्स भी करना चाहिए।

  • Diploma in Computer Science Engineering
  • BCA (Bachelor of Computer Application).
  • B.Sc in Computer Science.
  • B.tech in Computer Science Engineering.
  • B.tech in Electronics and Communication Engineering.
Step 3. एथिकल हैकिंग (Ethical Hacking) सीखे

हमारे देश में हैकिंग सीखने के लिए कई एथिकल हैकिंग कोर्स उपलब्ध है, जिनकी सूची नीचे दी गई है, जिनका आप अपने मन मुताबिक चयन कर सकते है।

  • Master Certificate in Cyber ​​Security (Red Team) – Ara Academy and Hackeru.
  • Stanford Advanced Computer Security Program – Great Learning.
  • PGP in Cyberspace – Prixis Business School.
  • Certified Ethical Hacker and Certified Information System Security Professional – SimpleNear.
  • PG Diploma / M.Tech in Cyberspace – Reva University.
  • Post Graduate Diploma in Cyberspace – Amity Online.
  • Cyberspace Certification Course – Educa.
  • Post-Graduate Program in Cyberspace – IIDT.
  • Cyber ​​Pro Track – PurpleSpinpz.
  • Certified Information Security Consultant – Institute of Information Security.
हैकर बनने के लिए कौन सी स्किल्स होनी चाहिए? (What are the skills required to become a hacker)
1. Learn Basic Computer Fundamentals

हैकिंग सीखने के लिए आपको कंप्यूटर की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। जैसे- कंप्यूटर को आंतरिक रूप से कैसे एक्सेस करें, कंप्यूटर का डॉस कमांड क्या है, इसे कैसे एक्सेस करें, और इसके अंदर के सभी कमांड्स के बारे में आपको पता होना चाहिए।

केवल यहीं नहीं, आपको रेजिस्टरी के बारे में भी पता होना चाहिए कि रेसिस्टरी क्या है, आप रेसिस्टरी को कैसे संपादित और संशोधित कर सकते हैं, हैकिंग सीखने के लिए आपको कंप्यूटर की बेसिक जानकारी में यह सब पता होना चाहिए।

2. Learn Programming Language

अगर आप हैकिंग सीखना चाहते हैं, तो आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. क्योंकि एक अच्छे हैकर को सभी प्रोग्रामिंग भाषाओं का बहुत अच्छा ज्ञान होता है।

इसलिए क्योंकि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बिना आप चीजों को नहीं समझ पाएंगे और जब तक आप चीजों को नहीं समझेंगे, तब तक आप कुछ भी नहीं सीख पायेंगे, ध्यान रहे: प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बलबूते ही आप हैकर बन सकते हैं।

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में आप HTML, SCRIPTING LANGUAGE, PHP, RUBY या C LANGUAGE भी सीख सकते हैं. क्योंकि शुरुआत में आपके लिए हैकिंग किसी सपने के बराबर होगी, जब आप प्रोग्रामिंग लैंग्वेज नहीं सीखते. इसलिए अगर आप हैकिंग सीखना चाहते हैं, तो शुरुआत में आपको कम से कम दो से अधिक प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।

3. Networking Skills

अगर आप हैकिंग सीखना चाहते हैं, तो आपके पास नेटवर्किंग स्किल्स का होना बहुत जरूरी है। इसमें आपको TCP/IP क्या होता है, SUB-NET क्या होता है, TELL-NET क्या होता है, ROUTER क्या है, HUB क्या है, SWITCH क्या है, यह सीखना होगा। क्योंकि एडवांस लेवल पर ये चीजे आपको नहीं सिखाई जाएगी, इसलिए इन सभी चीजों की आपको बेसिक जानकारी होना बहुत जरुरी है।

4. Linux Skills

यदि आप हैकिंग सीखना चाहते हैं, और आप अपने कंप्यूटर में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम चलाते हैं, तो आपको लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करने की आदत डालनी होगी. क्योंकि हैकिंग सीखने के लिए आपके पास लिनक्स स्किल का होना बहुत जरुरी है।

लिनक्स के बिना आप किसी भी तरह की हैकिंग नहीं कर सकते, क्योंकि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में सभी प्रकार के हैकिंग टूल बनाए गए हैं, जो अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम में नहीं बने होते हैं, इसलिए आपको लिनक्स सीखना होगा।

5. Database Skills

अगर आप एक बेहतर हैकर (Hacker) बनना चाहते हैं, तो आपको डेटाबेस का ज्ञान होना अनिवार्य है। जैसे, डेटाबेस क्या है, डेटाबेस कैसे काम करता है, यह कैसे बनता है, टेबल को कैसे अपडेट और डिलीट किया जाता है, इन सभी चीजों के बारे में आपको जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर आपको इन सभी चीजों के बारे में जानकारी नहीं होगी, तो आप हैकिंग नहीं सीख पायेंगे।

तो दोस्तों, ये थी कुछ बेसिक स्किल जिसके बिना आप एक अच्छा हैकर (Hacker) नहीं बन सकते है। यदि आप एक अच्छा हैकर बनना चाहते हैं, तो पहले आपको उपरोक्त बेसिक स्किल्स को समझना बहुत जरूरी है, तभी आप एडवांस लेवल की हैकिंग सीख पायेंगे।

भारत के कुछ बेहतरीन एथिकल हैकर्स (Some of the best ethical hackers in India)

आपको सुनने में बड़ा आश्चर्य लग सकता है लेकिन ये सच है की भारत के कुछ एथिकल हैकर्स पुरे विस्व में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं। हाँ दोस्तों ये सही बात है क्यूंकि हमारे हैकर्स एथिकल हैकिंग के क्षेत्र में सबसे आगे हैं। तो चलिए इन्ही एथिकल हैकर्स के विषय में जानते हैं। ऐसे लोग जो की हमारे देश का नाम ऊँचा कर रहे हैं।

  • Rahul Tyagi
  • Ankit Fadia
  • Trishneet Arora
  • Manan Shah
  • Vaidehi Sachin
  • Sahil Khan
हैकिंग की ट्रेनिंग कैसे मिलेगी (how to get hacking training)

आजकल बहुत से इंस्टिट्यूट है जहा पर आप एथिकल हैकिंग की ट्रेनिंग ले सकते हो इन सभी इंस्टिट्यूट के नाम आपको गूगल करने पर मिल जायेंगे। अगर आपके पास इंस्टिट्यूट ज्वाइन करने के पैसे नहीं है तो आप इसे ऑनलाइन भी यूट्यूब से सिख सकते हो। अगर आप ऑनलाइन ही किसी अच्छे जगह से हैकिंग सीखना चाहते हो तो Udemy पर सीखना ज्यादा बेहतर होगा।

  • हैकिंग एक्सपेरिमेंट्स आप जितने ज्यादा करते हो उतने जल्दी हैकिंग एक्सपर्ट बनोगे।
  • हैकिंग का कोई निश्चित समय नहीं है की आप इतने समय में हैकिंग सिख जाओगे. यह पुरे तरह से आपके मेहनत और ज्ञान पर निर्भर करता है।
  • अगर आपको हैकिंग आती है तो किसी तरह की सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं होती खुद को साबित करने के लिए।  लेकिन अगर आप सर्टिफिकेट चाहते है तो EC-Council एग्जाम पास करके सर्टिफिकेट पा सकते हो।
  • हैकिंग सिखने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है वैसे मेरे हिसाब से 18+ के बाद ही सीखना चाहिए क्यूंकि इसके बाद हमें सही गलत की समझ हो जाती है।
  • हैकिंग किसी भी स्ट्रीम का छात्र सिख सकता है चाहे वो आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस से हो.
  • हैकिंग सिखने के बाद आप किसी कंपनी में काम कर सकते हो और उनके ऑनलाइन फाइल, डाटा को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हो।
  • हैकिंग से पैसे कमाने के लिए एक दूसरा तरीका बग बाउंटी प्रोग्राम होता है जिसमे हिस्सा लेने के बाद अगर आप सिस्टम में कमी निकालते हो तो खूब पैसे मिलते है. बग बाउंटी प्रोग्राम आजकल सभी बड़ी कंपनी में होता है जैसे की गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल आदि. इन्टरनेट पर आप कंपनी नाम के साथ बग बाउंटी लिखकर सर्च कर सकते हो।
हैकर्स के लिए एथिकल हैकिंग टूल्स और सॉफ्टवेयर (Ethical Hacking Tools & Software for Hackers)

तो दोस्तो आपकी आपजानकारी के लिए बता दूं कि इंटरनेट पर हैकिंग के कई उपकरण और सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं, लेकिन यहां मैं केवल महत्वपूर्ण टूल्स और सॉफ्टवेयर के बारे में बताऊंगा। नीचे हमने कुछ प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर और टूल्स की लिस्ट दी है, जिनका हैकर्स द्वारा उपयोग किया जाता हैं।

  • Netsparker
  • Acunetix
  • Traceroute NG
  • GFI LanGuard
  • Burp Suite
  • Ettercap
  • Aircrack
  • Angry IP Scanner
  • Savvius
  • QualysGuard
  • WebInspect
  • Hashcat
  • L0phtCrack
  • Rainbow Crack
  • IKECrack
  • IronWASP
  • Medusa
  • NetStumbler
  • SQLMap
एथिकल हैकिंग के लिए कोर्स (course for ethical hacking)
  • सीसीएनए सर्टिफिकेशन
  • सर्टिफाइड एथिकल हैकर
  • पीजी डिप्‍लोमा इन साइबर लॉ
  • सर्टिफिकेट कोर्स इन साइबर लॉ
  • एडवासं डिप्‍लोमा इन एथिकल हैकिंग
  • सर्टिफाइड इंर्फोमेशन सिस्‍टम सिक्‍योरिटी प्रोफेशन
  • एसएससी साइबर फॉरेंसिक्‍स एंड इंर्फोमेशन सिक्‍योरिटी
  • पीजी डिप्‍लोमा इन डिजिटल एंड साइबर फॉरेंसिक्‍स
एथिकल हैकिंग के लाभ (Advantages of Ethical Hacking)
  • इससे आप अपने खोई हुई जानकारी को रिकवर कर सकते हैं, ख़ास तौर पर जब आप अपने पासवर्ड भूल जाते हैं।
  • इससे हम पैठ परीक्षण प्रदर्शन कर सकते हैं। जिससे हम किसी कम्प्युटर या नेटवर्क सुरक्षा की शक्ति की जाँच कर सकते हैं।
  • इससे हम सुरक्षा टूटी को रोकने के लिए पर्याप्त निवारक उपाय ले सकते हैं।
  • इसे सिखने पर हम अपने कम्प्युटर को दुर्भावनापूर्ण हैकर्स से बचाने में इस्तमाल कर सकते हैं।
एथिकल हैकिंग के नुकसान (Disadvantages of Ethical Hacking)
  • सबसे पहले ये की एथिकल हैकिंग सिखने पर लोग पैसों के लालच में आपके गलत काम करने लगते हैं.।
  • इससे हम किसी के सिस्टम पर अनधिकृत पहुंच प्राप्त कर उनके निजी जानकारी को जान सकते हैं।
  • इससे हम गोपनीयता उल्लंघन भी कर सकते हैं।
  • यदि उल्टा इस्तमाल किया गया तब किसी सिस्टम ऑपरेशन को नुकशान भी पहुंचा सकते हैं।

तो दोस्तों यह थी हैकिंग क्या है? और हैकर कैसे बनें। पूरी जानकारी आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

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खराब हार्ड डिस्क से डाटा रिकवर कैसे करे? (How to Recover Data from Bad Hard Disk)

तो दोस्तों असल में ख़राब हार्ड डिस्क से डाटा रिकवर करने के लिए हमे किसी भी सॉफ्टवेर की जरूरत नहीं होती है बस हमारे पास कुछ टेक्निकल टूल और नोलेज का होना जरूरी है।

खराब हार्ड डिस्क से डाटा रिकवर कैसे करे? (How to Recover Data from Bad Hard Disk)

तो दोस्तों सब से पहले हमे डाटा रिकवरी की जरूरत क्यों पड़ती है। जैसे की हम सभी को पता है की हार्ड डिस्क कम्प्युटर की स्टोरेज डिवाइस होती है।

जिसमे हम हमारे विडियो, फोटोस, प्रोजेक्ट, डॉकयुमेंट जैसे इंपोर्टेंट डाटा सेव कर के रखते है पर हम सभी को एक बात पता होना चाहिए की हार्ड डिस्क भी औरो की तरह एक एलेक्ट्रोनिक कॉम्पोनेंट है।

जो किसी भी वक्त ख़राब हो सकती है इसलिए हमे हमेशा हमारे इंपोर्टेंट डाटा का बैकप किसी एक्सटर्नल हार्ड डिस्क या पेन ड्राइव में रखना चाहिए। लेकिन मोस्ट ऑफ क्लाईंट यह सोच के भूल करते है की हमारा डाटा हार्डडिस्क में याने सुरक्षित है पर ऐसा नहीं है दोस्तों अगर आप की हार्ड डिस्क ख़राब हो जाती है

तो आपका सारा डाटा लॉस हो सकता है और दोस्तों यहा ख़राब का मतलब दुर्घटना या दूषित हार्ड डिस्क के बारे में बात नहीं कर रहे है यहा हम पूरी तरह से ख़राब हार्ड डिस्क जो कुछ काम की नहीं है।

जिसे कम्प्युटर में लगाने के बाद वे कम्प्युटर में डेटेक्ट भी नहीं होती है तो हम उस हार्ड डिस्क की बात कर रहे है। अब हम ख़राब हार्ड डिस्क  की बात कर रहे है तो उनमे किस किस तरह की हार्ड डिस्क  के समस्या शामिल है उसके बारे में हम थोड़ा चर्चा करेंगे।

दोस्तों ऊपर दिए प्रोब्लेम में से केवल क्रैश एंड करप्ट हार्ड डिस्क का ही डाटा हम सॉफ्टवेर से रिकवर कर सकते है उसके सिवाय निचे दिए हर प्रोब्लेम के समाधान के लिए हमारे पास हार्ड डिस्क  के आंतरिक साजिश की जानकारी होना बहोत जरूरी है। उसके बिना अगर आप हार्ड डिस्क  को ओपेन करते हो तो “हो सकता है आप का डेटा स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाये।  खराब Hard disk से data कैसे recover करे

बिना सॉफ्टवेर के खराब हार्ड डिस्क से डाटा कैसे रिकवर करे? (how to recover data from bad hard disk without software)

तो दोस्तों हार्ड डिस्क रिकवरी का एक बेसिक लॉजिक समझ लो फिर आप खुद ही उस पर दीप में सोचने पर मजबूर हो जाओगे जैसे की अगर आप का या किसी ग्राहक का हार्ड डिस्क आप के पास रिकवरी के लिए आया है। तो 100% उस हार्ड डिस्क में कुछ ना कुछ प्रोब्लेम है इसीलिए वो क्लाईंट आप के पास हार्ड डिस्क को लेकर आया है ताकि आप उसके ख़राब हार्ड डिस्क से उसका इंपोर्टेंट डाटा रिकवर कर के दे।

  • crash And corrupt hardisk
  • Not detect hard Disk
  • dead hard Disk
  • burn Hard disk
  • Damage Hard disk

अगर ग्राहक के हार्ड डिस्क  में सॉफ्टवेर रेलाटेड कोई प्रोब्लेम है जैसे की ” window को फ़ारमैट कर दिया है उसके वजह से पूरा डाटा भी फोरमेट हो चूका है ” या गलती से कोई फोंल्डर डिलीट हो गया है या कोई और प्रोब्लेम तो ऐसे परिस्थिति में हम डाटा रिकवर सॉफ्टवेर के मदत से डिलीट या फोरमेट हुआ डाटा फिर से ला सकते है याने डाटा रिकवर  कर सकते है।

लोकप्रिय डेटा रिकवरी सॉफ़्टवेयर (popular Data Recovery Software’s)
  • Recuva
  • TestDisk
  • undelete360
  • Stellar Data Recovery
  • i-care data recovery
  • Wondershare Data recovery
पूरी तरह से बंद हार्ड डिस्क से डाटा कैसे निकाले? (How to extract data from completely locked hard disk)

तो दोस्तों अगर आप की हार्ड डिस्क पूरी तरह से बंद है याने पावर मिलने के बाद भी हार्ड डिस्क में कोई भी हलचल नहीं है। यानि वाइब्रेट नहीं हो रही है तो उसके पीछे 2 रीज़न होते है।

  • Dead PCB
  • Jam spindle motor

Dead PCB (Printed Circuit Board)

PCB जो हार्ड डिस्क के आंतरिक साजिश को पावर देती है और इस PCB पर 3 अलग -अलग वोल्टेज बनते है जैसे की → 5V→12V→3V

अब इनमे से कोई भी वोल्टेज ड्रॉप हो रहा है तो PCB का सर्किट पूरा नहीं होगा और हार्ड डिस्क के आंतरिक साजिश को आवश्यक वोल्टेज पास नहीं होगा।

जिसके वजह से हार्ड डिस्क पूरी तरह से बंद हो जाएगी तो दोस्तों ऐसे परिस्थिति हमे PCB के ऊपर जितने भी स्माल SMD संधारित्र और रजिस्टर है उन्हें उनके वैल्यू के जांच के अनुसार करना होगा।  और इस टेस्टिंग में कोई इलेक्ट्रॉनिक घटक दोषपूर्ण निकलता है तो जाहिर सी बाद उसे चेंज करने के बाद शक्ति प्रवाह होगा और आप की हार्ड डिस्क फिर से चालू होगी।

जिसके बाद आप उसमे से डाटा रिकवरी कर सकते हो पर अगर PCB पर लगे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक घटक में प्रोब्लेम नहीं है तो आप को PCB पर लगे IC & Chip को चेक करना होगा।

तो दोस्तों हार्ड डिस्क के PCB पर कुछ इलेक्ट्रॉनिक चिप होते है जो सर्किट पूरा करने में बहोत साहयता करता है।

  • CPU : अगर हार्ड डिस्क कम्प्युटर में डेटेक्ट होकर छोड़ रही है याने कनैक्ट फिर डिस्कनेक्ट हो रही है तो “हो सकता है आप के PCB का CPU ज्यादा हीट हो रहा है और उस वजह से आप की हार्ड डिस्क प्रोब्लेम क्रिएट कर रही है तो ऐसे समय CPU को हाथ लगा कर देखो अगर चटका लग रहा है तो उसे रिप्लेस करो।
  • RAM : अगर हार्ड डिस्क चालू हो रही है ,और वाइब्रेट भी हो रही है पर कम्प्युटर में कनैक्ट नहीं हो रही है तो “हो सकता है PCB का RAM ख़राब हो तो इस सिचुएशन में Ram को चेंज कर दीजिये आप का प्रोब्लेम सोलव हो जायेगा।
  • BIOS Firmware : दोस्तों कही बार आपने देखा होगा हार्ड डिस्क  में कनैक्ट होती है पर उसके पारटिशन शो नहीं होते है या तो हार्ड डिस्क फ़ारमैट नहीं होती है तो ऐसे में हमे हार्ड डिस्क के Bios को फ्लैश करना होता है जिसे फिरमाव्यर कहते है जिसमे उस हार्ड डिस्क का प्रोग्राम और इन्फॉर्मेशन स्टोर की होती है जो करप्ट होने के वजह से पार्टिशन कंप्यूटर में शो नहीं होते है उसके सिवाय हो सकता है Bios चिप भी ख़राब हो तो चेंज कर के Bios को फ्लैश कर के जैसे है वैसे PCB पर लगा दो आप के कम्प्युटर के पार्टीशन शो होने लगेंगे।
  • Motor IC : हार्ड डिस्क के अंदर एक मोटर होती है जो डाटा प्लात्तर स्पिन करने का काम करती है और उस मोटर को कंट्रोल करने का काम इस Motor IC का होता है तो इसे भी आप को योजनाबद्ध बुद्धिमान चेक करना होगा।
  • Contact’s : कांटैक्ट पर कार्बन जमा होने के कारन Motor & Actuator का PCB के साथ कांटैक्ट हो नही पाता है  और यह हार्ड डिस्क डैड  का रीज़न बन जाता है तो दोस्तों जभी आप के पास कोई डाटा रिकवरी के लिए हार्ड डिस्क लेकर आता है तो सब से पाहिले उसके कांटैक्ट को क्लीन करो और हार्ड डिस्क को स्टार्ट कर के देखो।

तो दोस्तों अगर PCB रिपेर नहीं हो रही है तो आप दूसरे सेम मोडेल की हार्ड डिस्क पर लगे PCB को डाटा रिकवरी के लिए यहा इस्तिमाल कर सकते हो बस उस PCB का सिरियल नंबर सेम होना चाहिए।

डोनर हार्ड डिस्क की पहचान कैसे करे? (How to Identify a Donor Hard Disk)

दुनिआ में 8 कंपनी हार्ड डिस्क की मैनुफेक्चुरिंग करती है जैसे की-

  • Fujitsu
  • Samsung
  • Hitachi
  • Seagate
  • IBM
  • Toshiba
  • Maxtor
  • Western Digital

और इन सभी में लगभग Donor चयन की प्रक्रिया समान है बस कुछ चेंजेस हो सकते है।

Donor सिलैक्ट में आप को ख़राब हार्ड डिस्क  पर लगे लेबल के इन्फॉर्मेशन को डोनर हार्ड डिस्क के लबल से मैच करना होता है और अगर यह इन्फॉर्मेशन मैच होती है।

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तो आप को Donor हार्ड डिस्क मिल गयी अब बस आप को डैमेज हार्ड डिस्क के अंदर जो मीडिया यानि प्लेट होती है उसे Donor हार्ड डिस्क  में मुव करना होगा और क्यों की आप का सारा डाटा उस प्लाट में होता है।

दोस्तों भले आप की हार्ड डिस्क पूरी तरह से जल भी जाये फिर भी आप उसमे से डाटा रिकवर कर सकते हो बस आप को ख़राब हार्ड डिस्क  के मीडिया को Donor हार्ड डिस्क के साथ रिप्लेस करना आना जरूरी है।

तो दोस्तों यह थी खराब हार्ड डिस्क से डाटा रिकवर कैसे करे? आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

What-Is-Insurance

बीमा क्या है। और बीमा के प्रकार कितने हैं?What Is Insurance?

बीमा भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का प्रभावी हथियार है। हमें नहीं पता कि कल क्या होगा, इसलिए हम बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं। इंश्योरेंस का मतलब जोखिम से सुरक्षा है। अगर कोई बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का बीमा करती है तो उस व्यक्ति को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करेगी। इसी तरह अगर बीमा कंपनी ने किसी कार, घर या स्मार्टफोन का बीमा किया है तो उस चीज के टूटने, फूटने, खोने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में बीमा कंपनी उसके मालिक को पहले से तय शर्त के हिसाब से मुआवजा देती है। बीमा वास्तव में बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच एक अनुबंध है. इस कॉन्ट्रेक्ट के तहत बीमा कंपनी बीमित व्यक्ति से एक निश्चित धनराशि (प्रीमियम) लेती है और बीमित व्यक्ति या कंपनी को पॉलिसी की शर्त के हिसाब से किसी नुकसान की स्थिति में हर्जाना देती है।

बिमा क्या है? – What Is Insurance

Insurance को हिंदी में बिमा कहते है। बिमा यह शब्द फारसी से आया है इसका अर्थ है ‘ज़िम्मेदारी लेना’। इसका अनुवाद डॉ. रघुवीर ने ‘आगोप’ ऐसा किया है। इसका अंग्रेजी पर्याय “इंश्योरेंस” (Insurance) है।

बिमा या इंश्योरेंस ये भविष्य के लिए एक ऐसी व्यवस्था है की, जिसमे कोई भी बिमा कंपनी आपको किसी भी प्रकार का नुकसान होने का, बीमारी का, दुर्घटना या मृत्यु के बाद मुआवजा देने की गारंटी देती है।

आज के इस भीड़ भाड़ वाले जीवन में किसे कब क्या होगा यह कोई नही जानता, ऐसे में आप अपने मूल्यवान चीजों का अभी सही तरीके से इंश्योरेंस करेंगे तो आपके लिए वो एक बैकअप के जैसे काम करेंगा और मुसीबत आने पर इंश्योरेंस आपके बहुत काम आयेगा।

वैसे बाजार में ऐसी बहुत सी इंश्योरेंस कंपनियां है, जो इंश्युरंस बेचती है और उन सब के इंश्योरेंस plan की एक अलग ख़ासियत होती है लेकिन आपको सोच समझकर नीति लेनी चाहिए जब आपके ज़रूरतों के मुताबिक़ आपको वो सही लगे और बाद में आपको कीसी प्रकार की परेशानी ना हो। जैसे car, home, health, life आमतौर पर इन मूल्यवान चीजों का इंश्योरेंस कराया जाता है।

इंश्योरेंस एक Safe और Secure तरीका है, जो आपके आर्थिक स्थिति में आपके परिवार और आप पर निर्भर व्यक्ति को मजबूत बना सकता हैं, ताकि भविष्‍य में आपकी मृत्‍यु हो जाती है या किसी अन्य घटनाओं से आपका कोई नुकसान भी हो जाता है, तो उस वक्त आपको या आपके परिवार को पैसों से सम्‍बन्धित किसी भी प्रकार की समस्‍या का सामना नहीं करना पड़ता, इंश्योरेंस नीतियों से आपकी समस्या दूर हो जाती है इसलिए इंश्योरेंस होना आज बहुत ही जरूरी हुआ है।

बिमा के प्रकार – Types of Insurance

इंश्योरेंस या बिमा अलग अलग प्रकार के होते है  जैसे  जीवन बिमा, घर का बिमा, स्वास्थ्य बिमा, दुर्घटना बीमा, वाहन बिमा, यात्रा बिमा, फसल किसान बीमा योजना और मोबाइल बिमा

जीवन बिमा – Life Insurance

जीवन बिमा, बीमा कंपनी और बिमा लेने वाले व्यक्ति के बिच किया जानेवाला जीवन बिमा एक प्रकार का समझौता होता है, जिसमे इश्युरंस कंपनी यह गारंटी देती है की भविष्य में पॉलिसी धारक की मृत्‍यु हो जाती है, तो उसके परिवार में से नामांकित को बीमा कंपनी द्वारा नियम व शर्तें के अनुसार एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाएगा ताकि उन्हें कोई आर्थिक संकट ना आये, लेकिन ये राशि उतनी ही दी जाती जितने उस व्‍यक्तिने बीमा करवाया था।

यह जीवन बिमा इस बात पर निर्भर करता है की उस व्यक्ति की मृत्यु कब हुई, कैसे और किस वजह से हुई। किसी के जीवन का कोई भरोसा नहीं होता इसलिए लोग खासकर अपने परिवारों के लिए ही जीवन बीमा योजना छोड़ जाते है। ज्यादातर लोग जीवन बीमा योजना इस बिमा को अपनाते है ताकि उनके जाने के बाद उनके परिवार के लोगो को पैसों की कुछ मदद हो जाये।

जीवन बीमा के प्रकार – Types of Life Insurance

अगर कोई परिवार का एकमात्र कमाने वाला शख्स है तो उसके जाने के बाद जीवन बीमा (Life Insurance) उस पर निर्भर लोगों को कुछ हद तक वित्तीय तौर पर राहत देता है। लेकिन यह केवल एक तरह का नहीं होता है। कुछ पॉलिसी कवर के साथ-साथ सेविंग्स व निवेश के जरिए रिटर्न पाने का भी विकल्प देती हैं। यानी यह बीमा कराने वाले के खुद के भी काम आता है। भारत में 8 तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध हैं। बीमा कराने वाला अपनी जरूरत के मुताबिक अपने लिए पॉलिसी का चुनाव कर सकता है।

1. टर्म इंश्योरेंस प्लान

यह प्लान एक निश्चित समय के लिए खरीदा जा सकता है, जैसे 10, 20 या 30 साल. इस प्लान में चुने गए एक टेनर यानी अवधि के लिए कवरेज मिलता है। ऐसी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं होता ये सेविंग्स/प्रॉफिट कंपोनेंट के बिना लाइफ कवर उपलब्ध कराती हैं। लिहाजा ये अन्य पॉलिसी की तुलना में सस्ती होती हैं। टर्म इंश्योरेंस में पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर पॉलिसी के तहत एश्योर्ड सम यानी एक तय रकम बेनि​फीशियरी को दी जाती है।

2. मनीबैक इंश्योरेंस पॉलिसी

ये पॉलिसी एक तरह की एंडोमेंट पॉलिसी ही है। इस पॉलिसी में भी निवेश और बीमा का मेल है। अंतर इतना है कि इस लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस के साथ एश्योर्ड सम पॉलिसी टर्म के दौरान ही किस्तों में वापस किया जाता है। आखिरी किस्त पॉलिसी खत्म होने पर मिलती है। अगर पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो पूरा एश्योर्ड सम बेनिफीशियरी को मिलता है। हालांकि इस पॉलिसी का प्रीमियम सबसे ज्यादा होता है।

3. एंडोमेंट पॉलिसी

इस तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में बीमा और निवेश दोनों होते हैं। इस पॉलिसी में एक निश्चित अवधि के लिए रिस्क कवर होता है। और उस अवधि के खत्म होने बोनस के साथ एश्योर्ड सम पॉलिसीधारक को वापस किया जाता है।पॉलिसीधारक की मौत होने या निर्धारित सालों के बाद एंडोमेंट पॉलिसी के तहत पॉलिसी अमाउंट की फेस वैल्यू का भुगतान किया जाता है। कुछ पॅलिसी गंभीर बीमारी के मामले में भी भुगतान करती हैं।

4. सेविंग्स एंड इन्वेस्टमेंट प्लान्स

इस तरह का लाइफ इंश्योरेंस प्लान बीमा लेने वाले और उसके परिवार को भविष्य के खर्चों के लिए एकमुश्त फंड का भरोसा दिलाता है। ऐसे प्लान शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों के लिए बेहतरीन सेविंग्स टूल तो उपलब्ध कराते ही हैं, साथ ही इंश्योरेंस कवर के रूप में आपके परिवार को एक निश्चित धनराशि का आश्वासन भी देते हैं। इस प्रकार की लाइफ इंश्योरेंस कैटेगरी में ट्रेडि​शनल और यूनिल लिंक्ड दोनों तरह के प्लान्स कवर होते है।

5. यूलिप

इस प्लान में भी प्रोटेक्शन और निवेश दोनों रहते हैं। ट्रेडिशनल यानी एंडोमेंट इंश्योरेंस पॉलिसी और मनीबैक पॉलिसी में मिलने वाला रिटर्न एक हद तक पक्का होता है, वहीं यूलिप में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है। इसकी वजह है कि यूलिप में निवेश वाले हिस्से को बॉन्ड और शेयर में लगाया जाता है और म्यूचुअल फंड की तरह आपको यूनिट मिल जाती है। ऐसे में रिटर्न मार्केट के उतार-चढ़ाव पर बेस्ड होता है. हालांकि आप तय कर सकते हैं कि आपका कितना पैसा शेयर में लगे और कितना पैसा बॉन्ड में लगे।

6. आजीवन लाइफ इंश्योरेंस

आजीवन लाइफ इंश्योरेंस यानी (Whole Life Insurance Plan) में आपको जीवनभर प्रोटेक्शन मिलता है। यानी पॉलिसी का कोई टर्म नहीं होता पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर, नॉमिनी को बीमा का क्लेम मिलता है। अन्य लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में उम्र की एक मैक्सिमम लिमिट होती है, जो आमतौर पर 65-70 साल होती है। उसके बाद मौत होने पर नॉमिनी डेथ क्लेम नहीं ले सकता। लेकिन आजीवन लाइफ इंश्योरेंस के तहत पॉलिसीधारक की मौत 95 साल की उम्र में ही क्यों न हुई हो, नॉमिनी क्लेम कर सकता है। इस पॉलिसी का प्रीमियम काफी ज्यादा रहता है। इस पॉलिसी के तहत पॉलिसीधारक के पास इंश्योर्ड सम को आंशिक रूप से विदड्रॉ करने का विकल्प रहता है। इसके अलावा वह पॉलिसी के एवज में पैसा लोन के तौर पर भी ले सकता है।

7. चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी

ये प्लान बच्चों की शिक्षा के खर्च और अन्य जरूरतों को देखते हुए डिजाइन किए गए हैं। चाइल्ड प्लान में पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद एकमुश्त रकम का भुगतान किया जाता है। लेकिन पॉलिसी खत्म नहीं होती है। भविष्य के सारे प्रीमियम माफ कर दिए जाते हैं और इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीधारक की ओर से निवेश जारी रखती है। बच्चे को एक निश्चित अवधि तक पैसा मिलता है।

8. रिटायरमेंट प्लान

इस प्लान में लाइफ इंश्योरेंस कवर नहीं मिलता है। यह एक रिटायरमेंट सॉल्यूशन प्लान है इसके तहत आप ​अपने रिस्क का आकलन कर एक रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं। तय की गई एक अवधि के बाद आपको या आपके बाद बेनि​फीशियरी को पेंशन के तौर पर एक निश्चित रकम का भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान मासिक, छमाही या सालाना आधार पर हो सकता है।

घर का बिमा – Home Insurance

आप अपनी मेहनत की कमाई से घर बनवाते है तो आपको घर का बिमा (home Insurance) भी कर लेना चाहिए। घर का बिमा में घर का Structure, घर का सामान इन सब के अनुसार एक नीति बनवायी जाती है, अगर अचानक से कोई दुर्घटना हो जाने पर जैसे भूकंप, बाढ, या घर के सामान खराब हो जाने पर इसकी सारी भरपाई बिमा कंपनी से कर दी जाती है।

आज बहुत से लोग अपने घर का बिमा निकालते है जिसके जरिये वो अपने घर को सुरक्षित रख सकते है इसलिए घर का बिमा करना बहुत जरूरी और आवश्यक हुआ है।

वाहन बिमा – Vehicle Insurance

यदि आपके पास car, bike, motor, auto या कोई भी गाड़ी है, तो उसका बिमा करवाना बहुत जरूरी है क्योंकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर हमे आर्थिक नुकसान से बचाता है, इसलिए वाहन बिमा करवाना बहुत आवश्यक है।

भारत में दो प्रकार के वाहन बिमा होते है: 1) Third party insurance 2) Full party insurance

1. Third party insurance: इस प्रकार के इन्शुरन्स में यदि आपके पास जो भी वाहन है उस वाहन से दुर्घटना हो जाती है और उसी समय दूसरे गाड़ी के ड्राइवर या गाड़ी का नुकसान हो जाता है तो उन्हें बीमा कंपनी भरपाई करके देती है। लेकिन आपको या फिर आपकी गाड़ी का नुकसान होने पर इन्शुरन्स कंपनी किसी तरह का क्लेम नही देती, इसलिए इसे थर्ड पार्टी इन्शुरन्स भी कहते है। मोटर अधिनियम के अनुसार यह बिमा अनिवार्य है।

2. Full party insurance: इस प्रकार के इन्शुरन्स में एक्सीडेंट होने पर सभी का नुकसान जैसे गाड़ी, ड्राइवर, और गाड़ी में बैठे वाले लोग और दूसरे गाड़ी का नुकसान जैसे छोटी-बड़ी टूट फुट के लिए और बाकी नुकसान की भरपाई इन्शुरन्स कंपनी देती है।

फसल किसान बीमा योजना – Crop & Farmer insurance

दोस्तों मौसम का कुछ भरोसा नही किया जाता कभी बारिश आती है तो कभी नही भी आती इसकी वजह से आपकी खेती का बहुत नुकसान भी हो जाता है तो ऐसे में आपको हर साल अपने फसल का बिमा कर लेना चाहिये।

इस बिमा में आपकी फसल को एक प्रकार की सुरक्षा मिल जाती है, अगर आपके फसल का कुछ नुकसान होता है, तो ऐसे में बीमा कंपनी आपके सारे नुकसान की भरपाई करती है, इसलिए आप अगर किसान हो तो आपको फसल बीमा और किसान बीमा जरुर करना चाहिए।

यात्रा बिमा – Travel Insurance

कभी आप अकेले या अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे हो, तो ऐसे में आपका यात्रा बिमा करना बहुत ही आवश्यक है।

अगर आपको कभी ट्रेवल करना है, तो घर से निकलने से पहले ही सबकुछ प्लान करके निकलना चाहिए, ताकि यात्रा के दौरान आने वाले परेशानियों से आपको ना गुजरना हो। अगर आप अकेले से कुछ मैनेज नहीं हो पाता, तो ऐसे वक्त में आप यात्रा बिमा को अपना सकते हो।

और एक बात यह है की, यात्रा के दौरान कोई दुर्घटना हो जाने पर, या फिर यात्रा में देरी होना जैसे की फ्लाईट डिले होना, फ्लाईट कैंसल होना ऐसे में यात्रा बिमा आपके हुए नुकसान का पूरा खर्चा उठाती है, इसलिए यात्रा बिमा होना बहुत ही जरूरी है।

मोबाइल बिमा – Mobile Insurance 

आज सब के पास मोबाइल फोन है, तो आपने यह भी सुना होगा की Mobile का भी Insurance करना जरूरी होता है। आज हर किसी के पास एक से बढ़कर एक मेहेंगे मेहेंगे मोबाइल है और यदि आपके मोबाइल फोन का कभी कुछ छोटा बड़ा नुकसान हो जाता है, तो ऐसे में बीमा कंपनी आपको उसकी सारी भरपाई करके देती है, इसलिए मोबाइल बीमा करना भी बहुत आवश्यक हुआ है।