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C Language क्या है, और कैसे सीखें? (What is C Language and How to Learn)

आजकल इंटरनेट और कंप्यूटर की दुनिया में हर जगह कंप्युटर प्रोग्रामिंग की बात हो रही है। चाहे वो आर्टफिशल इन्टेलिजन्स हो या मशीन लर्निंग एक हिसाब से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बिना कंप्यूटर और इंटरनेट की कल्पना नहीं की जा सकती। और बात करे C लैंग्वेज की तो इसकी मदद से दुनिया के कई बड़े सॉफ्टवेयर बनाएं गए हैं। जैसे Windows , Linux , Unix आदि और आज भी इसकी पॉपुलैरिटी कम नही है।

दुनिया में हजारों तरह की भाषाएं अलग अलग तरह से बोली और लिखी जाती हैं, इनमें से कुछ लैंग्वेज किसी देश-प्रदेश तक ही सीमित हैं। जबकिइंग्लिश अंतरराष्ट्रीय रूप से बोली जाने वाली भाषा है।

उसी तरह कंप्यूटर की भी भाषा होती है। जिसे हम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते हैं। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज मनुष्य के द्वारा लिखी और समझी जाती है। इसीलिए कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के रूप में इंग्लिश का प्रयोग किया जाता है।

कंप्यूटर के प्रोग्राम जिनके अनुसार कंप्यूटर काम करता है। यह कई तरह के लैंग्वेज में लिखे जाते हैं जैसे Low Level LanguageAssembly LanguageHigh Level Language. कंप्यूटर सिर्फ मशीन लैंग्वेज को समझता है। जिसमें केवल दो बाइनरी डिजिट यानी कि 0 और 1(0,1) शामिल हैं।

कंप्यूटर के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करके कोडिंग लिखने के लिए मनुष्य केवल हाई लेवल लैंग्वेज को ही  आसानी से समझ पाता है। क्योंकि यह बहुत ही आसान होती है। और इसमें साधारण इंग्लिश के शब्दों का प्रयोग किया जाता है। और बाद में कंपाइलर का प्रयोग करके प्रोग्राम को मशीनी भाषा में बदला जाता है जिसे कंप्यूटर हमारे द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन को समझ जाता है। हाई लेवल लैंग्वेज के अंतर्गत C, C++JavaPaython इत्यादि जैसी प्रोग्रामिंग भाषाएं शामिल है।

C Language क्या है? (what is c language)

C एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जो जनरल पर्पस के लिए उपयोग में लाई जाती है। आसान भाषा में यह एक कंप्यूटर की भाषा है। जो कंप्यूटर को यह निर्देश देती है कि उसे किस तरह का काम करना है। आप तो जानते ही होंगे कि कंप्यूटर सिर्फ बाइनरी लैंग्वेज समझता है। जिसे मशीनी भाषा कहा जाता है। हर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का एक कम्पाइलर होता है। जो कंप्यूटर स्क्रीन पर लिखे गए कोड को बाइनरी में बदल देता है और कंप्यूटर उसी कोड के अनुसार काम करता है।

किसी भी सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन को बनाने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ही यूज़ किया जाता है. C लैंग्वेज एक बहुत पुरानी लैंग्वेज है जिसे 1972 के आसपास बनाया गया था. C बहुत ही सिम्पल और Easy लैंग्वेज है,। अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं की तुलना में इसी लैंग्वेज के ऊपर कई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बनाएं गए है जैसे C++ , Java , JavaScript , PHP आदि।

इसलिए अगर हम C लैंग्वेज को सीख ले तो बाकी लैंग्वेज को सीखना काफी आसान हो जाता है। आज भी कई स्कूल में कंप्यूटर साइंस की फ़ील्ड में सबसे पहले C भाषा को ही पढ़ाया जाता है। क्योंकि इसे आप आसानी से सीख और समझ सकते है। इसके सीटेक्स और ग्रामर काफी आसान है। आपको शायद नहीं होगा कि माइक्रोसॉफ्ट की विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम C लैंग्वेज में ही बनी है। और अभी भी माइक्रोसॉफ्ट के कई प्लेटफॉर्म पर इसका इस्तेमाल होता है।

C लैंग्वेज का इतिहास (History Of C Language)

C लैंग्वेज की शुरुआत 1960 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हो गई थी। और उस समय इसे B लैंग्वेज के नाम से जाना जाता था। इसके बाद 1972 में Bell Labs के एक कंप्यूटर वैज्ञानिक ने इसमें सुधार करके इसे C लैंग्वेज का नाम दिया। उनका नाम डेनिस रिची था। और इन्हीं को C लैंग्वेज का इन्वेन्टर भी माना जाता है। उस समय ये Unix और Dos के लिए उपलब्ध था और इन दोनों के लिए Compiler भी अलग अलग थे।

C भाषा की विशेषता है? (C language feature)

सी भाषा की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है जिसके कारण यह एक पॉपुलर लैंग्वेज बनी और इतनी पुरानी होने के बाद भी इसका यूज़ हो रहा है. तो देखते हैं कि वो मुख्य विशषताएं कौन सी है –

  1. C को  एक Middle Level Language माना जाता है क्योंकि इसमें उच्चस्तरीय और निम्नस्तरीय दोनों भाषाओं के गुण पाए जाते है।
  2. इस लैंग्वेज का ज्यादा use सिस्टम प्रोग्रामिंग लिए होता है।
  3. C एक स्ट्रक्चर्ड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है मतलब इसके प्रोग्राम को कई भागों में तोड़ा जा सकता है जिससे कि प्रोग्राम को समझने में काफी सहायता मिलती है।
  4. C में बने हुए प्रोग्राम काफी फास्ट होते हैं और अन्य लैंग्वेज के मुकाबले इनका एक्सक्यूशन बहुत तेज होता है।
  5. इस लैंग्वेज का अपना खुद का ग्रामर है इसलिए इसमें स्पिसिफिक Specific Syntax होते है। जो इसे सरल और आसान बनाता है।
  6. कुल मिलाकर C लैंग्वेज बहुत ही ईजी और पावरफूल लैंग्वेज है।  जो कई तरह के प्रोग्रामिंग के लिए उपयोग में लाई जाती है।
C प्रोग्राम की संरचना (Structure of C Program)

हम जब भी कोई C प्रोग्राम लिखते हैं। तो इसके पहले Flow Chart को तैयार करना पड़ता है। और इस Flow Chart को हम C प्रोग्राम के स्ट्रक्चर की मदद से तैयार करते है। Flow Chart एक फईगुर के जैसा होता है जिसमें C प्रोग्राम का बेसिक स्ट्रक्चर का Figure बनाना होता है। तो देखते हैं कि वो बेसिक चीज़ें कौन सी है –

Comment Entry 

किसी भी प्रोग्राम का कोई ना कोई ऑब्जेक्टिव होता है जैसे प्रोग्राम किस चीज़ के बारे में लिखा जा रहा है. कमेन्ट एंट्री को Compiler नहीं पढ़ पाता है। ये सिर्फ प्रोग्राम बनाने वाला ही देख या पढ़ सकता है। कमेन्ट एंट्री में लिखे गए कोड का प्रोग्राम से कोई लेना देना नहीं होता है क्योंकि ये प्रोग्रैमर के द्वारा प्रोग्राम के आब्जेक्टिव को describe करने के लिए होता है. इसे कमेन्ट Mark के अंदर लिखा जाता है जैसे  /*—————————–*/

Link Section 

इस सेक्शन को प्रोग्राम के Head में रखा जाता है। और इन्हे header file कहा जाता है। जैसे stdio.h और conio.h और dos.h और graphics.h  आदि. इन्हे Head में क्रमशाः # include <stdio.h> और # include <conio.h> लिखा जाता है। एक हिसाब से इसे C की लाइब्रेरी कहा जाता है। क्योंकि Program में use होने वाले कई जरूरी फंगक्शन इन्हीं फाइल में रहते हैं। जैसे Printf and Scanf .

Main Function 

यह C प्रोग्राम का एक necessory हिस्सा होता है और प्रोग्राम के compile होने की शुरुआत इसी फंगक्शन से होती है। प्रत्येक सी प्रोग्राम में इसका होना जरूरी है क्योंकि प्रोग्राम का एक्सक्यूशन भी main () function से ही शुरू होता है।

Variable declaration 

जब आप C प्रोग्राम बनाना शुरू करेंगे तब आपको प्रोग्राम शुरुआत में या बीच में वेरीअबल का use करना होगा।  वेरीअबल का use करके ही यूजर से कोई इनपुट लिया जा सकता है। और प्रोग्राम को अच्छे से मेमोरी में स्टोर करने के लिए. एक बार अगर कोई Variable ले लिया जाता है तो उसका use पूरे प्रोग्राम में होता रहता है. Variable के बिना किसी भी वैल्यू को ना तो लिखा जा सकता है और ना ही डिफाइन किया जा सकता है।

इन सबके अलावा भी C में बहुत कुछ होता है जैसे एक्सिक्युटेबल पार्ट जिसमे प्रोग्राम का वह भाग रहता है जिसे एक्सक्यूट होना है। इसके बाद कुछ sub प्रोग्राम भी बीच बीच में लिखे जाते है। आगे हम एक C प्रोग्राम बनायेंगे जिसमे आप अच्छे से इसे समझ जायेंगे।

यहां पर हम एक छोटा सा C प्रोग्राम बनायेंगे जिससे आप समझ जायेंगे की एक C प्रोग्राम कैसे बना होता है, कौन से वर्ड का क्या मतलब होता है। ये सिर्फ एक छोटा सा इग्ज़ैम्पल है जिससे C से जुड़ी Confusion दूर हो सके। Capture A C program

ऊपर के प्रोग्राम में सबसे पहले #include <stdio.h> लिखा गया है और इसी को Header File कहा जाता है. हर प्रोग्राम में इसका use होता है क्योंकि इसी में printf और scanf जैसे function आते हैं। इसके बाद main function लिया गया है और फिर variable लिया गया है. फिर printf और scanf function लिया गया है ताकि user से कोई input लिया जा सके. इस प्रोग्राम का Output यह होगा कि जब भी आप कोई दो नंबर लिखकर Enter Press करेंगे तो उनका जोड़ यानि sum आ जायेगा. इसे आप अपने कंप्यूटर पर भी Run करके देख सकते है। किसी भी प्रोग्राम को Run करने से पहले उसे compile करना पड़ता है ताकि वो बाइनरी नंबर में कन्वर्ट हो जाए।

C Language कैसे सीखे? (How to Learn C Language)

यदि आप सी लैंग्वेज सीखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप किन रिसोर्सेज की मदद से इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखेंगे।

सी लैंग्वेज को सीखने के लिए किसी एक रिसोर्स को तय करें क्योंकि आजकल बहुत सारे प्लेटफार्म अवेलेबल हैं जो आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाते हैं, लेकिन आप किसी एक प्लेटफार्म को तय करें जहां से आप सीखना चाहते हो और उसी प्लेटफार्म से आप शुरू से लेकर अंत तक पढ़ें।

जिससे आपके सारे कांसेप्ट स्टेप बाय स्टेप क्लियर होंगे और यदि आप थोड़ा किसी दूसरे प्लेटफार्म से थोड़ा किसी दूसरे प्लेटफार्म से इस प्रकार से सीखते हैं तो काफी संभावनाएं हैं कि आप कोडिंग सही तरीके से सीख भी ना पाए और कुछ स्टेप्स भी छोड़ दें।

ऑनलाइन वेबसाइट से सीखे? (learn from online website)

आजकल कोई भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना हो तो सबसे अच्छा माध्यम वेबसाइट मानी जाती है, क्योंकि इंटरनेट पर कई सारे ऐसे वेबसाइट उपलब्ध हैं जो आपको फ्री में और कुछ पैसे लेकर प्रोग्रामिंग के कोर्स प्रोवाइड कराते हैं इसलिए यदि आप सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना चाहते हैं तो ऑनलाइन वेबसाइट पर मौजूद कोर्स को कर सकते हैं।

यह कोर्स free और paid दोनों प्रकार के होते हैं ।

यदि आप की एनालिटिकल और कैचिंग पॉवर तेज है तब आप कोर्स के फ्री वाले वर्जन से पढ़ सकते हैं और सी लैंग्वेज सीख सकते हैं। यदि आप को समझने में थोड़ा सा समय लगता है या फिर आप एडवांस लेवल का पढ़ना चाहते हैं तो इसके लिए आप paid कोर्स ले सकते हैं और घर बैठे 1 से 2 महीने के अंदर सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीख सकते हैं।

यहां से आप फ्री और पेड दोनों प्रकार के कोर्स कर सकते हैं-

  • Codecademy .com,
  • Codescgool .com,
  • codes .com .
यूट्यूब की मदद से सीखे. (Learn with the help of youtube)

आज के समय में यूट्यूब एक ऐसा विकल्प है जहां से हम सब कुछ बहुत ही आसान तरीके से सीख सकते हैं। यदि हम सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखने की बात करें तो यूट्यूब पर कई ऐसे चैनल उपलब्ध हैं जो बहुत ही आसान भाषा में हमें निशुल्क सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाते हैं

कोचिंग की मदद से सीखे (learn through coaching)

यदि आप इंटरनेट या वीडियो के माध्यम से पढ़ना पसंद नहीं करते हैं तो इसके लिए आप किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट को ज्वाइन कर सकते हैं ।

आजकल सभी शहरों में बहुत सारे ऐसे चिट्टूर होते हैं जो सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज या फिर अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाते हैं।अगर आप अच्छे से एडवांस लेवल तक का सीखना चाहते हैं तो वहां से आप आसानी से सीख सकते हैं इसके बदले में आपको सर्टिफिकेट भी दिए जाते हैं।

इंस्टिट्यूट ज्वाइन करें (Join Institute)

यदि आप अपना करियर प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में बनाना चाहते हैं और आगे की पढ़ाई भी प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में ही करना चाहते हैं तो इसके लिए आप कोई कॉलेज/इंस्टिट्यूट ज्वाइन करें जहां पर आपको स्पेसिफिक कोर्स के द्वारा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाई जाती हैं।

वहां पर आपको केवल सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज ही नहीं बल्कि कई सारी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाई जाएंगी। इसलिए यदि आप अपना करियर प्रोगामिंग के क्षेत्र में बनाने के इच्छुक हैं तब आप इंस्टीट्यूट ज्वाइन करके प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीख सकते हैं।

सी लैंग्वेज में एक्सपर्ट कैसे बने? (How to become an expert in C language)

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हो या फिर स्पोकन लैंग्वेज सभी भाषाओं को सीखने के लिए हमें प्रैक्टिस करने की बहुत जरूरत होती है

क्योंकि जब तक हम प्रेक्टिस नहीं करते हैं तब तक हम उस भाषा में निपुण नहीं हो पाते ठीक उसी प्रकार प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का भी कांसेप्ट है। अगर हमें किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में एक्सपर्ट बनना है तो उसके लिए हमें नियमित अभ्यास करना होगा। सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में आप जितना सीखे प्रतिदिन उतना किसी प्रैक्टिस सॉफ्टवेयर जैसे turbo c पर जाकर डेली प्रैक्टिस करें। जितना ज्यादा प्रैक्टिस करेंगे उतना ज्यादा आपको कोड लिखने का अनुभव होगा और आप सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में एक्सपर्ट बन जाएंगे

इसलिए कोडिंग सीखते समय किसी भी प्रकार की जल्दबाजी ना करें प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान दें। सी लैंग्वेज में कोड लिखते समय variable ,Array string, structure, pointer,loop,syntax आदि का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

तो दोस्तों यह थी C Language क्या है और कैसे सीखें? पूरी जानकारी आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। 

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