यह दिन हर साल 15 अगस्त को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारतीय सभी स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते है जो भारत की आजादी के लिए लड़ें।
1940 के दशक में, प्रत्येक भारतीय ने स्वतंत्रता हासिल करने के लिए संघर्ष किया और आखिरकार भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज से आजादी मिली।
प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पूरे राष्ट्र को भाषण देते है और संबोधित करते है। वह पुरानी दिल्ली के लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज फहराते है। इस दिन कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर शायरी (shayari on independence day)
(1)
वतन पर जो फिदा होगा, अमर वो हर नौजवान होगा,
रहेगी जब तक दुनिया ये, अफसाना उसका बयाँ होगा।
(2)
आजादी की कभी शाम ना होंगे देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे,
बची है लहू की एक बूँद भी रगों में,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम ना होने देंगे।
(3)
काले गोरे का भेद नहीं,
इस दिल से हमारा नाता है,
कुछ और न आता हो हमको,
हमें प्यार निभाना आता है।
(4)
धरती सुनहरी अंबर नीला हर मौसम रंगीला,
ऐसा देश है मेरा।
(5)
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान का सम्मान का है।
(6)
जमाने भर में मिलते है आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई कफन नहीं होता,
नोटों में लिपट कर और सोने में लिपटकर मरे है कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफन नहीं होता।
(7)
दे सलामी इस तिरंगे को,
जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका,
जब तक दिल में जान है।
(8)
ये बात हवाओं को भी बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को भी जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाजत की हमने,
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना।
(9)
हर तूफान को मोड़ दे दो जो हिन्दुस्तान से टकराए,
चाहे तेरा सीना हो छलनी, तिरंगा ऊँचा ही लहराए।
(10)
आजाद भारत के लाल है हम,
आजाद शहीदों को सलाम करते हैं।
(11)
देश पर जिसका खून ने खौले,
खून नहीं वो पानी है,
जो देश के काम न आए वो बेकार जवानी हैं।
(12)
तिरंगा लहरायेंगें,
भक्ति गीत गुनगूनायेंगें,
वादा करो इस देश को,
दुनिया का सबसे प्यारा देश बनायेंगें।
(13)
दुश्मन की गोलियों का सामना हम करेंगे,
आजाद है आजाद ही रहेंगे।
(14)
लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे हर एक लहू का कतरा इकलाब लाएगा,
मैं रहूँ या न रहूँ पर यह वादा है तुमसे मेरा की,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आएगा।
(15)
खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो,
लाल हरे रंग में मत बांटों हमको,
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो।
(16)
तैरना है तो समंदर में तैरों नालों में क्या रखा है,
प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा है।
(17)
नजारे नजर से ये कहने लगे,
नयन से बड़ी कोई चीज नहीं,
तभी मेरे दिल ने ये आवाज दी,
वतन से बड़ी कोई चीज नहीं।
(18)
वतन हमारा ऐसा कोई छोड़ ना पाए,
रिश्ता हमारा ऐसा कोई तोड़ ना पाए,
दिल हमारा एक है एक हमारी जान है,
हिंदुस्तान हमारा है और हम इसकी शान हैं।